हमारे फिल्मी सेलेब्रिटीज जो ज्यादातर पॉलिटिक्स या सेंसिटिव मुद्दों से खुद को अलग रखते थे बीते कुछ सालों में खुलकर अपनी बात सामने रखने लगे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स उनके लिए लोगों तक पहुंचने का आसान जरिया बन रहे हैं। हालांकि इस गर्मा-गर्मी के बीच कई बार वे अपना आपा खोते भी नजर आते हैं जैसा हाल ही में जावेद अख्तर के साथ हुआ...


features@inext.co.inKANPUR: हाल ही में देश में हो रही मॉब लिंचिग की घटनाओं और इस दौरान 'जय श्री राम' के नारे का इस्तेमाल किए जाने को लेकर चिंता जताते हुए देश के 49 बुद्धिजीवियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ओपन लेटर लिखा था। इस लेटर में उन्होंने पीएम से मॉब लिंचिंग के खिलाफ सख्त कानून बनाए जाने की मांग की थी। जहां कई लोगों ने उन हस्तियों का सपोर्ट किया वहीं इसके खिलाफ आवाज उठाते हुए 61 हस्तियों ने भी पीएम को एक ओपन लेटर लिखा जिसमें उन्होंने उन 49 हस्तियों की नियत पर सवाल खड़े किए थे।'बुद्धिजीवियों' को बताया सांप के जैसा


शायद जाने-माने फिल्ममेकर शेखर कपूर को उन 49 लोगों की मांग जायज नहीं लगी और उन्होंने इसके खिलाफ ट्वीट कर दिया। उनका यह ट्वीट वेटरन लिरिसिस्ट जावेद अख्तर को पसंद नहीं आया और वह उनपर भड़क गए। इतना ही नहीं, उन्होंने शेखर को मेंटल पेशेंट तक कह दिया। शेखर ने अपने ट्वीट में कहा था, 'बंटवारे के रिफ्यूजी के तौर पर जिंदगी शुरू की। पेरेंट्स ने अपने बच्चों की जिंदगी संवारने के लिए सब कुछ किया। हमेशा से 'बुद्धिजीवियों' के डर में जिया हूं। उन्होंने हमेशा मुझे मामूली होने का अहसास कराया। बाद में उन्होंने अचानक मेरी मूवीज के चलते मुझे गले लगा लिया। मैं अब भी उनसे डरता हूं। उनका गले लगना सांप के डसने जैसा होता है। अभी भी मैं एक रिफ्यूजी ही हूं।'अच्छे सायकियाट्रिस्ट से मिलने की दी सलाह हालांकि, शेखर का जवाब आने से पहले जावेद ने उनको लेकर एक और तीखा बयान दिया। उन्होंने कहा, 'कौन हैं ये बुद्धिजीवी जिन्होंने आपको गले लगाया और आपको उनका साथ सांप के डसने जैसा लगा? श्याम बेनेगल, अदूर गोपाल कृष्णा, राम चंद्र गुहा? सच में? शेखर साहब, आप ठीक नहीं लग रहे हैं। आपको मदद की जरूरत है। मान जाइए, एक अच्छे सायकियाट्रिस्ट से मिलना कोई शर्म की बात नहीं है।'पिता सलीम-जावेद थे दोस्त और साथी फिर टूटी जोड़ी, अब बेटे सलमान-फरहान रचेंगे ये इतिहासपुलवामा टेरर अटैक: सिद्धू के बयान पर बोले अनुपम खेर, 'ज्यादा बोलेंगे तो बकवास ही करेंगे'जावेद ने रिएक्ट करते हुए कहा, 'अभी भी रिफ्यूजी होने से क्या मतलब है?

क्या आप खुद को इंडियन नहीं बल्कि बाहर का फिल करते हैं और आपको ऐसा लगता कि यह आपकी मातृभूमि नहीं है? अगर आपको यहां रिफ्यूजी जैसा फिल होता है तो कहां आप खुद को रिफ्यूजी फिल नहीं करेंगे, पाकिस्तान में? बेचारे अमीर लेकिन अकेले आदमी, यह ड्रामा बंद कीजिए।' इसके जवाब में शेखर ने कहा, 'नहीं, इसका मतलब है कि अगर आप रेफ्यूजी होते हैं तो आप एक बंजारे जैसा महसूस करते हैं।'

Posted By: Vandana Sharma