बॉलीवुड के क्लासिकल सिंगर मन्ना डे का आज जन्मदिन है। मन्ना डे को प्यार से मन्ना दा भी कहते हैं जो अपने वास्तविक नाम से नहीं बल्कि दूसरे नाम से इंडस्ट्री में पहचाने गए। मन्ना डे ने बॉलीवुड फिल्मों में अपने क्लासिकल गानों से जान भर दी जैसे लागा चुनरी में दाग और सुर न सजे गाने गा कर। यहां जानें मन्ना दा कि जिंदगी से जुडे़ कुछ अनसुने पहलू जिन्हें जानने के बाद आप उनके जीवन को करीब से समझ पाएंगे...

1. बॉलीवुड के क्लासिकल सिंगर मन्ना डे का जन्म 1 मई साल 1919 में एक बंगाली परिवार में हुआ। बता दें की मन्ना डे का असली नाम मन्ना नहीं था बल्कि प्रबोध चंद्र था पर उन्हें बॉलीवुड में पहचान मन्ना डे के नाम ने ही दिलाई।

2.
मन्ना डे ने अपने फिल्मी सफर की शुरुआत साल 1942 से की थी और 2010 के आने तक मन्ना डे ने बॉलीवुड में लगभग 4000 गाने गा चुके थे। मन्ना डे ने ये गाने सिर्फ हिंदी ही नहीं बल्कि बंगाली भाषा में भी गाए हैं।
3. कहा जाता है कि मन्ना डे ने साल 1952 में पहली बार एक मराठी फिल्म 'अमर भूपाली' में गाना गाया और ये पहला गाना था  जिससे मन्ना डे ने अपना करियर बनाना शुरू किया 'ऊपर गगन विशाल'। इस फिल्म से मन्ना डे ने इंडस्ट्री में गाने की शुरुआत की थी।
4. बता दें कि फिल्म जगत में अपने मह्त्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें साल 2007 में दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से भी नवाजा जा चुका है। इससे पहले साल 2005 में मन्ना डे को पद्मभूषण अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। इतना ही नहीं साल 1971 में उन्हें पद्मश्री से भी नवाजा गया।
5. मन्ना डे ने फिल्म आजा सनम में 'चोरी-चोरी' गाना गाया। फिल्म आनंद का 'जिंदगी कैसी है पहेली' और फिर पडो़सन का 'एक चतुर नार' गाना गाया। फिल्म सीमा में 'तू प्यार का सागर है' और फिल्म शोले में ये दोस्ती हम नहीं तोडे़गें गाया। इन्होंने राज कपूर की फिल्म जोकर में 'ऐ भाई जरा देख के चलो' सॉग भी गाया।
6. मन्ना डे न सिर्फ हिंदी क्लासिकल गायक थे बल्कि उन्होंने कई भाषाओं में गाने गाए हैं। उन्होंने हिंदी, बंगाली, मराठी, गुजराती, मलयालम, कन्नड़ और असमिया भाषा में भी कई हिट गाने गाये हैं।

7. मन्ना डे दिल से गाने गाते थे और उन्हें अपने गाने और गायन शैली से कोई समझौता करना बिल्कुल भी पसंद नहीं था। वो फिल्मों में गानो की पसंद और बोलों को लेकर कभी भी समझौता नहीं करना चाहते थे।

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मन्ना डे गानों को लेकर इतने चूजी थे कि उन्होंने अशोक कुमार के गाने को भी न कह दिया था। कहा जाता है कि फिल्म पडो़सन में 'एक चतुर नार बडी़ होशियार' गाने के लिए न कह दिया। फिल्ममेकर्स ने कहा कि राजेन्द्र कृ्ष्ण ने इस गाने को जैसे गाया है वैसे ही आपको भी गाना होगा। हालांकि इस गाने को न कहते-कहते फिर बाद में मन्ना डे और अशोक कुमार ने मिल कर गाया।

9. कहा जाता है जब किशोर कुमार ये गाना रिकॉर्ड कर रहे थे तब मन्ना डे ने किशोर कुमार को टोक दिया कि ये आप किस राग में गा रहे हैं और फिर कॉमेडी एक्टर महमूद ने मन्ना डे को समझाया कि फिल्म के सीन में कुछ ऐसा ही दिखाया गया है इसलिए किशोर कुमार को इस तरह से गाना पड़ रहा है।

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फिल्म जगत में अपना बेहतरीन योगदान देने के बाद मन्ना डे 24 अक्टूबर साल 2013 को दुनिया को अलविदा कह गए। मन्ना डे की बैंगलोर में कार्डिएक अरेस्ट की वजह से निधन हो गाया।

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Posted By: Vandana Sharma