बॉलीवुड की 'ब्यूटी क्वीन' कही जाने वाली अभिनेत्री मधुबाला की सुंदरता के राजकपूर से लेकर देवानंद तक कायल थे। वैलेंटाइन डे पर जन्म लेने वाली मधुबाला ने बहुत कम समय में ही इंडस्ट्री में अपना नाम रोशन कर दिया। आइए जानें फिल्म 'बसंत' से फिल्मों में डेब्यू करने वाली मधुबाला के जीवन की कुछ अनकही अनसुनी कहानियां।

मुमताज से मधुबाला बनने तक का सफर
मधुबाला बचपन से ही एक सफल अभिनेत्री बनना चाहती थीं। उनका ये सपना तब पूरा हुआ जब उन्हें पहली बार 1942 में फिल्म 'बसंत' से इंडस्ट्री में अपने कदम रखने का मौका मिला। इस फिल्म में उनके अभिनय को काफी पसंद किया गया। जानी मानी अभिनेत्री देविका रानी उनके अभिनय से इतना प्रभावित हुईं की 'मुमताज जेहान देहलवी' को अपना नाम बदल कर 'मधुबाला' रखने को कह दिया। साल 1947 में आई फिल्म 'नील कमल' मुमताज नाम से उनकी आखिरी फिल्म थी। इस फिल्म में सिर्फ 14 साल की उम्र में ही राजकपूर के साथ उन्होंने काम किया था। इस फिल्म के बाद उन्होंने अपना नाम बदल लिया और फिल्मों में मधुबाला के नाम से मशहूर हुईं।


जब जिंदा रहने के लिए बचे थे दो साल
मधुबाला को 1960 में किशोर कुमार से शादी करने के बाद अपने भयानक रोग के बारे में पता चला। शादीशुदा जीवन का सुख भी मधुबाला अभी ढंग से नहीं ले पाई थीं की अपने रोग का इलाज कराने के लिए उन्हें पति किशोर कुमार के साथ लंदन जाना पड़ गया। डॉक्टरों ने मधुबाला के इस रोग के आगे हार मान ली थी और मधुबाला के जीवित रहने की समय अवधि सिर्फ 2 साल बताई। कई जांचों और टेस्ट के बाद मधुबाला को पता चला की उनके दिल में छेद है। डॉक्टरो ने साफ बता दिया था की ऑपरेशन करने के बाद भी इनके जीवित रहने का समय बढ़ नहीं सकता।
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Posted By: Vandana Sharma