'हत्या के लिए उकसाने' पर इस्लामी चैनल पर जुर्माना
दिसंबर में दिए अपने फ़ैसले में ऑफकॉम ने कहा था कि चैनल नूर टीवी ने प्रसारण नियमों का उल्लंघन किया था.नूर टीवी के एक प्रस्तोता ने कहा था कि अगर मुसलमानों के पैगंबर मोहम्मद का कोई अपमान करता है तो किसी मुसलमान द्वारा उस व्यक्ति की हत्या को स्वीकार किया जा सकता है और ये उसका कर्तव्य होगा.ऑफकॉम ने कहा, "उल्लंघन गंभीर होने के कारण ये भारी जुर्माना लगाया गया है."कम सज़ालेकिन यह चैनल का लाइसेंस रद्द करने से कम सज़ा है.नूर टीवी, अल-अहया डिजिटल टेलीविज़न नाम की कंपनी का हिस्सा है. ब्रिटेन में और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्काई नेटवर्क के प्लेटफ़ॉर्म पर इसका प्रसारण होता है.'पैग़ाम-ए-मुस्तफा' नाम का ये सवाल-जवाब वाला कार्यक्रम तीन मई 2012 को प्रसारित हुआ था.प्रस्तोता अल्लामा मोहम्मद फ़ारुख निज़ामी ने इस्लाम से संबंधित बहुत से विषयों पर दुनियाभर के दर्शकों के सवालों के जवाब दिए थे.
उन्होंने कहा, प्रस्तोता ने पिछले पाँच साल से नूर टीवी पर कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए हैं और ये आकस्मिक था और इसकी उम्मीद नहीं की जा सकती थी.उन्होंने ये भी स्पष्टीकरण दिया कि चैनल मुख्य रूप से सूफीवाद को मानता है और चैनल का लक्ष्य विश्व में शांति और समझ को बढ़ावा देना है.अल-अहया ने व्यक्तिगत राजनीतिक विचारधारा को बढ़ावा देने और कार्यक्रम के दौरान हिंसा का समर्थन करने के लिए निज़ामी को मई में बरखास्त कर दिया था.जुलाई में ऑफकॉम ने डीएम डिजिटल टीवी चैनल पर भी 85,000 यूरो का जुर्माना लगाया था. चैनल ने एक इस्लामी धर्मगुरु का भाषण प्रसारित किया था जिसमें कहा गया था कि पैगम्बर मोहम्मद का अपमान करने वाले को 'मारना' मुसलमानों का कर्तव्य है.