राजस्थान में गरीब के घर के बाहर लिखवाया, मैं गरीब हूं
राज्य के दौसा जिले में अधिकारियों ने बीपीएल कैटेगरी (गरीबी रेखा से नीचे) वाले परिवारों के घर के बाहर लिखवा दिया,''मैं गरीब हूं और मुझे राष्ट्रीय खाद्यान्न सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत राशन मिलता है।''
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तकरीबन 50,000 से ज्यादा घरों के बाहर पीले रंग में पेंट कर बड़े-बड़े अक्षरों में ये बात लिख दी गई। जैसे ही ये तस्वीरें सोशल मीडिया में आईं, लोगों ने सरकार के इस कदम की आलोचना करनी शुरू कर दी।इस बारे में फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी लोगों की तीखी प्रतिक्रियाएं देखी जा सकती हैं। स्वराज पार्टी के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने ट्वीट किया,''अब ऐसे में क्या कहा जाए? गरीबी का ऐसा भद्दा मज़ाक या यूं कहा जाए अपमान क्या किसी भी सरकार को शोभा देता है?''दिलीप मंडल ने लिखा,''किसी दिन वर्ल्ड बैंक, आईएमएफ़, अमेरिका, जर्मनी और ब्रिटेन वाले भारत के प्रधानमंत्री कार्यालय के दरवाजे पर लिखवा देंगे - भारत ग़रीब देश है, हमसे दान लेता है।ग़रीबों का मज़ाक उड़ाना बंद करो।
दरवाज़े पर ग़रीब लिखना एक गंदी हरकत है। अनाज लेना उनका क़ानूनी अधिकार है। संसद में एक्ट पास हुआ है।''नीता अंबानी का घर ही नहीं फोन भी है दुनिया में सबसे महंगा, कीमत सुनकर गिर न जाना
उमाशंकर सिंह ने लिखा,''हमारे-आपके घर के बाहर एक सुंदर चमचमाता नेम प्लेट होता है। नेम प्लेट पर नाम से पहले 'डॉ', 'सर' जैसी कोई उपाधि मिली हो तो वह चिपकी रहती है। कुछ नहीं तो 'श्री' या 'मिस्टर' तो रहता ही है। नेमप्लेट हमारा पता कम, ओहदा-औकात ज्यादा बताते हैं। इधर राजस्थान सरकार अपने यहां के गरीबों के घर पर नेमप्लेट नहीं, एक साइन बोर्ड लगवा रही है। उसमें भी वह उन लोगों का नाम कम, औकात ज्यादा बता रही है।''राजस्थान सरकार की दलील है कि ऐसा सिर्फ गरीब परिवारों की पहचान करने के लिए किया गया है जिन्हें सस्ता अनाज मुहैया कराया जाता है। इससे पहले राहुल गांधी ने एक बयान में कहा था कि गरीबी एक मानसिक अवस्था है। उनके इस बयान का भी काफी विरोध हुआ था।बेटी को ठंड से बचाने के लिए इस रईस पिता ने जला दिए 13 करोड़ के नोटNational News inextlive from India News Desk