चैंपियंस ट्रॉफी की शुरुआत के वक्त किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि नंबर 8 की टीम 18 जून को फाइनल में दुनिया की नंबर दो टीम को हराकर चैंपियंस की चैंपियन बन जाएगी। हालांकि पाकिस्तान ने ऐसा कर दिखाया। पहले बेहतरीन बल्लेबाजी और फिर बेहतरीन गेंदबाजी के दम पर पाकिस्तान ने आर्क राइवल और अपने से कहीं मजबूत इंडियन टीम को 180 रनों के भारी अंतर से हराकर पहली बार चैंपियंस ट्रॉफी जीत ली। यह पाकिस्तान की 1992 वनडे वल्र्ड कप और 2009 टी-20 वल्र्ड कप के बाद आईसीसी इवेंट्स में तीसरी सबसे बड़ी जीत है

* दुनिया की नंबर 2 टीम इंडिया को 180 रनों से हराकर पाकिस्तान ने जीती चैंपियंस ट्रॉफी
* 1992 वनडे वल्र्ड और 2009 में टी-20 वल्र्ड कप के बाद मिली तीसरी सबसे बड़ी जीत
सस्ते में ढेर हुई टीम इंडिया

डिफेंडिंग चैंपियन टीम इंडिया को मुकाबला जीतने के लिए 339 रन बनाने थे, जिसके लिए उसे इतिहास रचना था।  हालांकि इतिहास रचने के लिए अच्छी शुरुआत की दरकार थी, लेकिन चोट से उबरने के बाद वापसी करते हुए मो।  आमिर ने रोहित शर्मा (0), विराट कोहली (5) और शिखर धवन (21) को 10 ओवर के अंदर ही पवेलियन भेजकर टीम इंडिया को बड़ा झटका दिया।  इसके बाद टीम संभल नहीं सकी।  युवराज सिंह (22) को शादाब ने, जबकि धोनी (4) को हसन अली ने निपटा दिया।  केदार जाधव (9) भी शादाब का शिकार बने।  इसके बाद हार्दिक पांड्या ने तेवर दिखाए और महज 32 गेंदों पर हाफसेंचुरी ठोंकी दी।  हालांकि वो दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से रनआउट हो गए।  उन्होंने 46 गेंदों पर 4 चौके और 6 छक्कों की बदौलत 76 रन बनाए।  जडेजा 15 रन बनाकर जुनैद का शिकार हुए।  इंडिया ने आखिरी 4 विकेट मात्र 7 रन के अंदर गंवा दिए।  
 
जमां, हफीज की दिलकश बैटिंग
टॉस गंवाकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी पाकिस्तान को अजहर अली (59) और फखर जमां ने अच्छी शुरुआत दी।  दोनों ने पहले विकेट के लिए 23 ओवर्स में 128 रन जोड़ डाले।  अली इसी स्कोर पर रनआउट हुए, जबकि फखर ने शुरुआती ओवर्स में ही बुमराह की गेंद पर मिले जीवनदान का फायदा उठाते हुए अपने छोटे से करियर की पहली सेंचुरी जमा दी।  हार्दिक पंड्या ने फखर को आउट किया।  फखर ने 106 गेंदों पर 12 चौकों व 3 छक्कों की बदौलत 114 रनों की पारी खेली।  तीसरा विकेट शोएब मलिक (12) के रूप में गिरा।  बाबर आजम (46) दुर्भाग्यशाली रहे और हाफसेंचुरी पूरी करने से पहले ही जाधव का शिकार बन गए।  हालांकि हफीज (नॉटआउट 57) और इमाद वसीम (25) ने तेजी से रन बनाते हुए टीम को 338 के स्कोर तक पहुंचा दिया।  
बुरी तरह पिटे इंडियन बॉलर्स
इंडिया के गेंदबाज बुरी तरह फ्लॉप रहे।  सिर्फ भुवनेश्वर ने 10 ओवर्स में 44 रन देकर एक विकेट चटकाया, जबकि बुमराह ने 9 ओवर्स में 68 रन दिए तो अश्विन ने 10 ओवर में 70 रन लुटाए, जबकि जडेजा ने 9 ओवर में 67 रन खर्च कर दिए।  पांड्या भी 10 ओवर में 53 रन देकर एक विकेट लेने में सफल रहे।  केदार जाधव ने 3 ओवर में 27 रन देकर एक विकेट चटकाया।  टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने टीम में कोई बदलाव नहीं किया, जबकि पाकिस्तान टीम में मोहम्मद आमिर की वापसी हुई।  
युवराज ने बनाया वल्र्ड रिकॉर्ड
अपने करियर में 300 वनडे खेलने वाले टीम इंडिया के बल्लेबाज युवराज सिंह ने पाकिस्तान के खिलाफ  चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में उतरते ही दुनिया के पहले क्रिकेटर बन गए, जिन्होंने आईसीसी के 7 फाइनल्स खेले।  अपने डेब्यू टूर्नामेंट में ही फाइनल खेलने वाले युवराज 2000 से 2017 तक कुल 7 बार आईसीसी टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचे हैं।  इन सात फाइनल्स में युवराज तीन बार चैंपियन बन कर सामने आए तो चार बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा।  

चैंपियंस ट्रॉफी में छक्कों की सेंचुरी

इंडिया-पाकिस्तान के बीच फाइनल में दूसरा छक्का लगते ही चैंपियंस ट्रॉफी में पहली बार छक्कों की सेंचुरी पूरी हो गई।  अब तक चैंपियंस ट्रॉफी के किसी भी सीजन में छक्कों की सेंचुरी नहीं लगी थी।  इससे पहले 2009 में सबसे ज्यादा 92 छक्के लगे थे।
कप्तान विराट कोहली ने कहा, पांड्या ने जगाई थी जीत की उम्मीद

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Posted By: Shweta Mishra