संगठित क्षेत्र के कर्मचारी जल्द ही 20 लाख रुपए तक टैक्‍स मुक्त ग्रेच्युटी के लिए पात्र होंगे। केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने श्रम मंत्रालय के साथ त्रिपक्षीय विचार-विमर्श में इस प्रस्ताव पर अपनी सहमति जताई है। केंद्रीय ट्रेड यूनियन ग्रेच्युटी भुगतान कानून में प्रस्तावित संशोधन पर त्रिपक्षीय बैठक में अंतरिम उपाय के रूप में ग्रेच्युटी भुगतान की सीमा दोगुनी करने पर सहमत हो गए हैं। यूनियनों ने ग्रेच्‍युटी भुगतान के लिए प्रतिष्ठान में कम-से-कम 10 कर्मचारियों के होने तथा न्यूनतम पांच साल की सेवा की शर्तों को हटाने की मांग की है।


जल्दी नौकरी छोड़ने के बाद भी मिलेगी ग्रेच्युटीप्रॉविडेंट फंड पीएफ की तर्ज पर आपकी ग्रेच्युटी भी ट्रांसफर होगी। इसके लिए सरकार हर कर्मचारी को ग्रेच्युटी के लिए यूनिक नंबर अलॉट करेगी। लेबर मिनिस्ट्री इसके लिए पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट में बदलाव करने पर विचार कर रही है। तीनों पक्षों की बुलाई जाएगी बैठक ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के सेक्रेटरी डीएल सचदेव ने बताया कि सरकार ग्रेच्युटी का फायदा ज्यादा से ज्यादा लोगों को देना चाहती है। अब 5 साल से पहले नौकरी छोड़ने पर आपको ग्रेच्युटी का नुकसान नहीं होगा।लेबर मिनिस्ट्री ग्रेच्युटी को देगी यूनिक नंबर


इसे लेकर ट्रेड यूनियनों के रिप्रेजेंटेटिव्स और लेबर मिनिस्ट्री के बीच बातचीत हुई है। लेबर मिनिस्ट्री ग्रेच्युटी को यूनिक नंबर देकर ट्रांसफर करने के लायक बनाने पर भी चर्चा करेगी। इसमें तीनों पक्षों ट्रेड यूनियन, इम्प्लॉयर्स और सरकार के रिप्रेजेंटेटिव्स शामिल होंगे। डीएल सचदेव के मुताबिक प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोग जल्दी जल्द नौकरी बदलते हैं। इसके अलावा कांट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों इम्प्लॉइज को भी ठेकेदार एक जगह से हटा कर दूसरी जगहों पर काम पर लगा देते हैं। ऐसे में कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का नुकसान होता है। बढ़ेगी ग्रेच्युटी की मैक्सिमम लिमिट

अभी तक ग्रेच्युटी के लिए कम से कम 5 साल की सर्विस होना अनिवार्य है। डीएल सचदेव के मुताबिक सरकार ने ग्रेच्युटी की मैक्सिमम लिमिट 10 लाख रुपए से बढ़ा कर 20 लाख रुपए करने की मांग पर सहमति जताई है। इसके लिए पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट में बदलाव किया जाएगा। ग्रेच्युटी प्राइवेट सेक्टर में कंपनियां इम्प्लॉई की ग्रेच्युटी का पैसा कॉस्ट टू कंपनी यानी सीटीसी से काटती हैं। ऐसे में अगर कोई 5 साल से पहले कंपनी छोड़ देता है तो उसे सीटीसी पैकेज से कटा हुआ पैसा भी नहीं मिलता है।

Business News inextlive from Business News Desk

Posted By: Prabha Punj Mishra