ऑनलाइन ग्राहकों के संरक्षण के लिए सरकार ने ई-कामर्स कंपनियों से उत्पादों पर अधिकतम खुदरा मूल्य एमआरपी और अन्य ब्योरा जैसे मियाद समाप्त होने की अवधि और कस्टमर केयर का ब्योरा देना अनिवार्य कर दिया है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने इस बारे में विधि मापतौल पैकेटबंद जिंस नियमों-2011 में संशोधन किया है। कंपनियों को इस नए नियम के अनुपालन के लिए छह महीने का समय दिया गया है।


कस्टमर केयर की जानकारी होगीउपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जिस तरह ऑफलाइन ग्राहकों को संरक्षण देने की व्यवस्था है उसी तरह ऑनलाइन ग्राहकों को भी यह संरक्षण मिलना चाहिए। अभी तक ऑनलाइन बेचे जाने वाले सामान पर एमआरपी प्रकाशित होता है। हमने कंपनियों से लेबल पर अतिरिक्त ब्योरा देने को कहा है। कस्टमर केयर की जानकारी भी उन्होंने कहा कि एमआरपी के अलावा कंपनियों को विनिर्माण की तारीख, मियाद समाप्त होने की अवधि, शुद्ध भार, किस देश से अमुक उत्पाद आया है और कस्टमर केयर की जानकारी देनी होगी। कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई
अधिकारी ने कहा कि कंपनियों को नए नियम के अनुपालन के लिए पर्याप्त समय दिया गया है। जनवरी, 2018 से यह अनिवार्य होगा कि जो सामान ई-कामर्स प्लेटफॉर्म के जरिए बेचा जा रहा है, उस पर ये सभी घोषणाएं होंगी अन्यथा कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यही नहीं कंपनियों को यह ब्योरा बड़े फॉन्ट में छापना होगा जिससे उपभोक्ताओं को उन्हें पढऩे में परेशानी नहीं हो।बड़े फॉन्ट साइज में करना होगा प्रिंटकंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री के अनुसार, कंपनियों को प्रोडक्ट डिटेल बड़े फॉन्ट साइज में देना होगा, जिससे कि कंज्यूमर आसानी से पढ़ सके।


मिनिस्ट्री ने कंज्यूमर्स की तरफ से मिली सैकड़ों शिकायतों के बाद ई-मार्केटप्लेस के लिए यह बदलाव किया है। देश में ऑनलाइन मार्केट में फ्लिपकार्ट, अमेजन इंडिया, स्नैपडील, ग्रोफर्स और बिगबॉस्केट कुछ बड़ी कंपनियां हैं।

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Posted By: Shweta Mishra