समय पर गर्भपात न किए जाने के कारण भारतीय मूल की दंत चिकित्सक सविता हलप्पनवार की मौत से देश भर में हुए आंदोलनों के बाद आयरिश राष्ट्रपति ने कैथोलिक मान्यताओं को दरकिनार कर गर्भपात कानून को मंजूरी दे दी. मंगलवार को राष्ट्रपति माइकल डी. हिगिंस ने गर्भपात विधेयक पर हस्ताक्षर किए. अब देश में गर्भपात कानूनी हो गया है.


हिगिंस ने कर दिए सिग्नेचरगर्भावस्था के दौरान मौत का खतरा होने पर महिलाओं को गर्भपात कराने की मंजूरी मिल गई है. राष्ट्रपति कार्यालय ने बताया कि दोनों सदनों से पास हो चुके गवर्नमेंट प्रोटेक्शन ऑफ लाइफ ड्यूरिंग प्रेगनेंसी बिल पर हिगिंस दस्तखत कर चुके हैं. अब सविता की तरह दुर्भाग्यशाली मौत किसी महिला की नहीं होगी. यदि सविता को गर्भपात करने दिया जाता तो उनकी जान बचाई जा सकती थी. भारतीय मूल की दंत चिकित्सक की मौत पिछले साल 28 अक्टूबर को हो गई थी. इसके बाद दुनियाभर में लोगों ने आयरलैंड सरकार की निंदा की थी.146 साल पुराने ब्रिटिश कानून से मुक्ति
सविता के पति प्रवीण हलप्पनवार भी तब से उन्हें न्याय दिलाने के लिए आंदोलन चलाए हुए हैं. सरकार द्वारा करवाई गई जांच में सामने आया था कि कुछ मामलों में गर्भपात की मंजूरी होनी चाहिए. नए कानून ने 146 साल पुराने ब्रिटिश कानून से देश को मुक्ति दिलाई. ब्रिटेन के अधीन रहे आयरलैंड में गर्भपात कानून 1867 में बना था. इसके बाद से ही इसमें कोई तब्दीली नहीं हुई थी. पुराने कानून के तहत गर्भपात कराने पर आजीवन कारावास की सजा मुकर्रर हुई थी. अब सजा में भी बदलाव किया गया है. सामान्य मामलों में गर्भपात कराने पर अब 14 साल की सजा होगी.

Posted By: Satyendra Kumar Singh