केंद्र सरकार की ओर से 500 और 1000 रुपये के नोट बंद होने का ऐलान क्‍या हुआ। देश में चारों ओर जैसे खलबली मच गई। हर कोई लग गया अपने पास इकट्ठा 500 और 1000 के नोटों को इकट्ठा कर भुनवाने की जुगत में। एक दिन बाद जब बैंक खुले तो लोगों ने धावा बोल दिया बैंक कर्मियों के ऊपर। अब क्‍या था जगह-जगह से ऐसे-ऐसे लोगों के पास से पैसों का ढेर निकलने लगा जो हमेशा लोगों को पैसे न होने की दुहाई देते रहते थे। वहीं इस क्रम में एक नाम किसी भिखारी का भी होगा ये सुनकर आप चौंक जाएंगे। आइए जानें कौन है वो।


ये हैं वो दोनों एक भिखारी दंपति है। मध्य प्रदेश के देवास जिले में ये सीताराम (60) अपनी पत्नी के साथ रहते थे। आपको सुनकर आश्चर्य होगा कि इनके पास 500-500 रुपये के 96 हजार रुपये हैं। अब बिना किसी आईडी प्रूफ के ये लोग इतनी बड़ी रकम को लेकर बहुत परेशान हैं। दोनों देवास जिले के सिया गांव में झोपड़ी बनाकर रहते हैं। दोनों ही पति-पत्नी भीख मांगकर अपना गुजारा चलाते हैं। पढ़ें इसे भी : ऐसे पहचानें 500 और 2000 का नया नोट असली है या नकलीबैंक में तो नहीं है खाता भी


वैसे दोनों के बारे में बताया गया है ये मूलरूप से राजस्थान के रहने वाले हैं। यहां बीते 20 सालों से रह रहे हैं। दोनों ने जिस समय से 500 और 1000 के नोट वाली ये खबर सुनी, दोनों की नींद उड़ चुकी है। दोनों के बारे में गांव के सरपंच ईश्वर सिंह बताते हैं कि दोनों भिखारियों के पास 500-500 रुपये के 96 हजार रुपये के नोट हैं। दोनों को लेकर बड़ी बात तो ये है कि इनके पास कोई बैंक खाता भी नहीं है। अधिकारियों ने बंधाई मदद की आस

वहीं दोनों की इस समस्या को लेकर बैंक अधिकारियों से बात की गई है। अब इन दोनों की मदद जरूर की जाएगी। वहीं भिखारी सीताराम कहते हैं कि भविष्य की जरूरत को ध्यान में रखते हुए उन्होंने पैसे जोड़े थे। अब जब उनको नोटों के बंद होने के बारे में पता चला है तो पंचायत से लेकर सरपंच तक चक्कर लगा चुके हैं। अब इनको भी इंतजार है कि कोई इनका भी इंसाफ करे।   पढ़ें इसे भी : पुराने 500 और 1000 के नोट रद्दी, अब कैसे क्या करें? जानें इससे जुड़ी हर बातWeird Newsinextlive fromOdd News Desk

Posted By: Ruchi D Sharma