म्यांमार ही नहीं भारत के इन पड़ोसी देशों में चल रहा है दो समुदायों में घमासान
अफगानिस्तान भारत के पड़ोसी देश अफगानिस्तान में तालिबानियों के वर्चस्व के चलते राजनीतिक व्यवस्था शुरू होने के बावजूद तनाव बना हुआ है। आज भी तालिबानी विचारधारा के लोगों के हावी होने के प्रयासों की वजह से स्थितियां सामान्य नहीं है और हिंसा का दौर पूरी तरह बंद नहीं हुआ है। तालिबानी एक सुन्नी इस्लामिक आधारवादी आन्दोलन है जिसकी शुरूआत 1994 में दक्षिणी अफ़ग़ानिस्तान में हुई थी। तालिबान ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के पश्तून इलाकों में वायदा किया था कि अगर वे एक बार सत्ता आते हैं तो सुरक्षा और शांति कायम करेंगे, और इस्लाम के साधारण शरिया कानून को लागू करेंगे।
ऐसा ही कुछ पाकिस्तान में भी है, वहां बलूचिस्तान की समस्या परेशानी का सबब बनी हुई है। बलूची राष्ट्रवादियों का कहना है कि वे अपने जायज अधिकारों के लिए ही लड़ रहे हैं। उनका दावा है कि पाक संविधान के 18वें संशोधन के तहत उन्हें विशेष अधिकार प्राप्त हैं जबकि हकीकत में प्राकृतिक संसाधनों पर केंद्र का रवैया एकाधिकार है। उनका ये भी कहना है कि बलूचिस्तान में अधिकांश सरकारी कर्मचारी या अफसर पंजाब प्रांत से संबंध रखते हैं, इसलिए बलूचियों को नौकरी नहीं मिल पाती। इसी वजह से वहां भी हिंसक विरोध जारी है।
Interesting News inextlive from Interesting News Desk