अरुंधति ही नहीं ये 25 हस्तियां भी लौटा चुकी हैं राष्ट्रीय सम्मान
अरुंधति रॉय का नाम है सबसे नया
पुरस्कार लौटाने वाले लोगों में सबसे ताजातरीन नाम बुकर प्राइज विजेता लेखिका अरुंधति रॉय का नाम है। फिल्म 'इन विच एन्नी गिव्स् इट दोज वन्स' के लिए बेस्ट स्क्रीन प्ले का नेशनल अवॉर्ड जीतने वाली रॉय ने ये कहते हुए कि पूरी जनता, लाखों दलित, आदिवासी, मुस्लिम और ईसाई आतंक में जीने को मजबूर हैं। उन्हें हमेशा यह डर रहता है कि न जाने कब-कहां से हमला हो जाए, अपना सम्मान लौटाने की घोषणा कर दी। वैसे अरुंधति इस लिस्ट में लेटेस्ट हैं पहली या शायद आखिरी नहीं। अब तक 25 लोग इस सूची में शामिल है जिन्होंने अपने राष्ट्रीय और साहित्य अकादमी अवॉर्ड वापस करने का एलान किया है।
कुंदन शाह भी लौटायेंगे पुरस्कार
फिलमकार कुंदन शाह ने भी गुरूवार को कहा कि 'जाने भी दो यारों' फिल्म को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार वह लौटाएंगे। शाह ने कहा कि वह पुरस्कार लौटाने की योजना बना रहे हैं क्योंकि देश में अंधेरा फैलता जा रहा है। इससे पहले कि यह अंधेरा हमें पूरी तरह अपनी गिरफ्त में ले ले, किसी को तो खड़ा होना होगा। शाह की तरह फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और देश में बढ़ती असहिष्णुता को लेकर दिबाकर बैनर्जी के साथ ही 11 अन्य फिल्म्मेकर अपने राष्ट्रीय पुरस्का्रों को लौटा चुके हैं।
ये हैं 25 साहित्यकारों की सूची
इस लिस्ट में कुछ नये या कम पहचाने नाम हैं तो मुनव्वर राणा, उदय प्रकाश और कृष्णा सोबती जैसे बड़े नाम भी शामिल हैं। ये नाम हैं आनंद पटवर्धन, नयनतारा सहगल, अशोक वाजपेयी, गलाम नबी ख्याल, अमन सेठी, एन शिवदास, कुमबर वीरभादरप्पा, सराह जोजफ, सुरजीत पत्तर, रहमान अब्बास, होमन बोरगोहेन, बलदेव सिंह सदकनाम, जसविंदर सिंह, गनेश देव्य, राजेश जोशी, मंगलेश डबराल, अजमेर सिंह अलख, श्रीनाथ डीएन, गुरबचन सिंह भुल्लर, रहमत त्रिखेरे, आत्मजीत सिंह, वरयाम संधु, जीएन रंगनाथन रॉव और मंदराकांता सेन।