Noida Twin Towers Demolition: ट्विन टावरों को गिराने की तैयारी पूरी, बस विस्फोटक से तार जोड़ना बाकी
नोएडा (पीटीआई)। नोएडा में ट्विन टावरों को ध्वस्त करने का काम लगभग पूरा हो गया है। शनिवार को एक जांच टीम ने इसका पूरा निरीक्षण किया। विस्फोटकों की सही से प्लेसमेंट और उन्हें जोड़ने से संबंधित सभी कार्य पहले ही पूरे हो चुके हैं। केवल एक ही चीज बची है, वो है ट्विन टावरों को आपस में जोड़ना और इमारतों से विस्फोट करने वाले जगह के बीच 100 मीटर लंबी केबल लगाना, जहां से रविवार को बटन दबाया जाएगा। बता दें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार इन टावरों को गिराया जाना है। जिसके लिए 3,700 किलोग्राम से अधिक विस्फोटकों का उपयोग किया जाएगा।
रविवार सुबह 7 बजे तक घर करना होगा खाली
एमराल्ड कोर्ट और उससे सटे एटीएस विलेज सोसाइटी के लगभग 5,000 निवासियों को रविवार सुबह 7 बजे से पहले अपना घर खाली करने को कहा गया है, लगभग 3,000 वाहनों को भी हटाया जाएगा साथ ही 150-200 पालतू जानवर, जिनमें बिल्लियाँ और कुत्ते भी शामिल हैं, मालिकों को एक दिन के लिए अपने साथ ले जाने के आदेश दिए गए हैं। एडिफाइस इंजीनियरिंग के प्रोजेक्ट मैनेजर मयूर मेहता ने बताया कि, हम सुरक्षित विध्वंस को लेकर 100 प्रतिशत आश्वस्त हैं। एक बार जब हमें पुलिस विभाग से मंजूरी मिल जाएगी कि रिस्ट्रिक्टेड एरिया 100 प्रतिशत खाली है, तब रविवार दोपहर 2.30 बजे हम बटन दबाएंगे।
रविवार सुबह से नोएडा सेक्टर 93 ए में ट्विन टावरों की ओर जाने वाली सड़कों पर डायवर्जन लगाया जाएगा, जबकि नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे, विध्वंस स्थल से लगभग 200 मीटर की दूर, दोपहर 2 बजे से 3 बजे तक वाहनों की आवाजाही बंद रहेगी। रविवार को गूगल मैप्स में डायवर्जन और रियल-टाइम ट्रैफिक स्थितियों के लिए अपडेट फीड होंगे, साथ ही आपातकालीन वाहनों की आवाजाही के लिए व्यवस्था की गई है। 400 पुलिसकर्मियों को किया जाएगा तैनात
कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए लगभग 400 पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा, जबकि पीएसी और एनडीआरएफ के जवान भी किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए मैदान पर होंगे। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुनील शर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों और दवाओं से लैस छह एम्बुलेंस साइट पर तैनात करेगा। जिला अस्पताल और निजी चिकित्सा सुविधाओं यथार्थ, फेलिक्स और जेपी में भी बिस्तर आरक्षित किए गए हैं।
लगभग 3 महीने में साफ होगा मलबा
ट्विन टावरों को गिराने का काम वाटरफॉल इम्प्लोजन तकनीक के जरिए किया जाएगा, जो उन्हें ताश के पत्तों की तरह कुछ ही सेकंड में नीचे गिरा देगा। इससे 55,000 टन मलबा निकलेगा। यहां तक कि कुछ अनुमानों के अनुसार यह आंकड़ा 80,000 टन है। मलबे को साफ करने और हटाने में लगभग तीन महीने लगेंगे। नोएडा अथॉरिटी की सीईओ रितु माहेश्वरी ने कहा कि विध्वंस के बाद क्षेत्र से धूल हटाने के लिए सभी संभव इंतजाम किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मियों के अलावा, मैकेनिकल स्वीपिंग मशीन, एंटी-स्मॉग गन, वाटर स्प्रिंकलर भी साइट पर लगाए जाएंगे।