बाजीराव के वंशजों को कोई नहीं पहचानता!
पेशवा के वंशज पुणे में रहते हैं, यह जानकारी इतिहास में रुचि रखने वाले गिन-चुने लोगों को ही है। आमतौर पर कोई इन्हें नहीं पहचानता।महेंद्र पेशवा कहते हैं, "ट्रैफ़िक हवलदार भी अगर पेशवा का लाइसेंस देखता है और उस पर पेशवा नाम देखता है तब भी उसे कोई अचरज नहीं होता। क्योंकि पेशवा का वंशज हमारे सामने है यह अहसास ही उसे नहीं होता।"पेशवा घराने के दो परिवार पुणे में है। एक है डॉक्टर विनायक राव पेशवा, उनकी पत्नी जयमंगलाराजे, बहू आरती और उनकी बेटियां। यह पेशवा घराने की 10वीं पीढ़ी है। 74 वर्षीय विनायकराव भूगर्भ विशेषज्ञ हैं और इसी विषय के प्राध्यापक के रूप में उन्होंने पुणे विश्वविद्यालय में 33 वर्ष नौकरी की।
दूसरा परिवार विनायकराव के बड़े भाई कृष्णराव का है जो हाल ही में गुजर गए। महेंद्र उन्हीं के बेटे हैं। कृष्णराव की पत्नी उषा राजे, बेटा महेंद्र, बहू सुचेता और उनकी बेटी यहां रहते हैं। महेंद्र का अपना फैब्रिकेशन का व्यवसाय है।
विनायकराव पेशवा इस संस्थान के विश्वस्त मंडल में हैं, लेकिन उसकी अध्यक्षता पुणे के विभागीय आयुक्त करते हैं। इस तरह इन मंदिरों में उनकी उपस्थिति नाममात्र है। ध्यान देने की बात है कि पेशवा बाजीराव के पुत्र पेशवा नानासाहब की मृत्यु पार्वती मंदिर में स्थित एक इमारत में हुई थी।पेशवा के तौर पर लोग इनसे कैसा बर्ताव करते हैं, इस पर डॉक्टर विनायकराव, महेंद्र और पुष्कर के पास काफी किस्से हैं।वो बताते हैं, "खासतौर पर नई पीढ़ी को पेशवा क्या है, यही पता नहीं है। जिन्हें पेशवा बाजीराव और उनकी वीरता की जानकारी होती है उनके अनुभव काफी अलग होते हैं। ये लोग पेशवा परिवार के लिए अपना सम्मान जताते हैं। दिल से अपनापन जताते हैं। पेशवा के वंशज के रूप में आज की पीढ़ी की ओर आदर से देखा जाता है।"महेंद्र पेशवा का अपना व्यवसाय है। वे कहते हैं, "जब भी किसी नए व्यक्ति से पहचान होती है, तो लोग पूछते है, आप तो पेशवा हैं, आपको उद्यम-व्यवसाय की क्या ज़रूरत है?"महाराष्ट्र के बाहर मध्य प्रदेश में पेशवा के लिए बहुत आदर और अपनापन होने का उनका अनुभव है।महेंद्र के पिता केंद्र सरकार की नौकरी में थे। इसलिए उनकी पढ़ाई बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश में हुई थी।
महेंद्र कहते हैं, "पुणे में पेशवाओं की जितनी जानकारी लोगों को है, उससे अधिक जानकारी या आदर उत्तर प्रदेश में है। पेशवाओं के लिए सम्मान की भावना वहां दिखती है।"