केंद्र से सहमत हुआ कोर्ट, इस साल नही होगा संस्कृत का पेपर
नही होगी संस्कृत की परीक्षाकेंद्र सरकार ने जर्मन-संस्कृत विवाद में देश की सर्वोच्च अदालत के सामने हलफनामा पेश कर दिया है. इस हलफनामे में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी है कि इस वर्ष सेंट्रल स्कूलों में संस्कृत की परीक्षा नही होगी. इसके साथ ही जर्मन ऑप्शनल लैंग्वेज के रूप में ही रह सकती है. अटॉर्नी जनरल मुकुज रोहतगी ने कहा कोर्ट की चिंताओं को ध्यान में रखते केंद्र सरकार ने इस वर्ष जर्मन को वैकल्पिक भाषा के रूप में रखने की बात कही है. अटॉर्नी जनरल ने कहा कि संसद में इस मसले पर बहस हो चुकी है. संस्कृत को तीसरी भाषा बनाने पर सदन की राय सरकार के साथ है. इसलिए छात्रों की मदद के लिए इस प्रस्ताव को सुझाया गया है. सरकार से सहमत हुआ कोर्ट
अटॉनी जनरल मुकुल रोहतगी के हलफनामे को देखने के बाद कोर्ट ने सरकार के प्रस्ताव से सहमत जताई. कोर्ट ने कहा कि यह अच्छा प्रस्ताव है. इस प्रस्ताव से बच्चों पर बोझ नही पड़ेगा. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई सोमवार को करना तय किया.
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