No Confidence Motion : पीएम मोदी ने मणिपुर को बताया जिगर का टुकड़ा, लाेकसभा में अविश्वास प्रस्ताव गिरा
नई दिल्ली (एएनआई)। No Confidence Motion : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दाैरान कहा, "उत्तर-पूर्व हमारा 'जिगर का टुकड़ा' है। मणिपुर की समस्याओं को इस तरह से प्रस्तुत किया गया है जैसे कि वे हाल ही में शुरू हुई हों। उन्होंने संघर्षग्रस्त पूर्वोत्तर राज्य के लोगों को आश्वासन दिया कि जल्द ही शांति लौटेगी क्योंकि सरकार आरोपियों को दंडित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। देश आपके साथ है। यह संसद आपके साथ है। हम मिलकर इस चुनौती के समाधान के रास्ते खोजेंगे। जल्द ही फिर से शांति स्थापित होगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं मणिपुर के लोगों को आश्वस्त करता हूं कि राज्य फिर से प्रगति का गवाह बनेगा। स्थिति का फायदा नहीं उठाने को कहा
प्रधानमंत्री ने सभी विपक्षी दलों से मणिपुर के लोगों का विश्वास हासिल करने के लिए सामूहिक प्रयास में शामिल होने की भी अपील की और उनसे राजनीतिक लाभ के लिए पूर्वोत्तर राज्य की स्थिति का फायदा नहीं उठाने को कहा। उन्होंने कहा, मैं संसद के सांसदों से अनुरोध करना चाहता हूं कि वे इस समय की कीमत समझें। आइए और मिलकर आगे बढ़ें। इस देश में अतीत में और भी गंभीर मुद्दे रहे हैं, लेकिन हमने मिलकर काम करने का एक तरीका ढूंढ लिया है। चलो साथ आयें। मणिपुर के लोगों को विश्वास में लें। राजनीति करने के लिए मणिपुर का फायदा मत उठाइये। वहां मणिपुर में जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है। वहां के लोगों के दर्द को समझें और उस पर मरहम लगाने का काम करें। यह हमारा एकमात्र तरीका होना चाहिए।
अविश्वास प्रस्ताव लोकसभा में गिर गया पीएम ने आगे कहा कि मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ गंभीर अपराध हुए हैं और यह अक्षम्य है। केंद्र और राज्य सरकारें दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं। अविश्वास प्रस्ताव पर बहस का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा, अगर प्रस्ताव नहीं लाए गए होते तो हम (सरकार) इतना नहीं बोल पाते। अविश्वास प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जवाब के दौरान भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (आई.एन.डी.आई.ए.) ने लोकसभा से वाकआउट किया। हालांकि अविश्वास प्रस्ताव लोकसभा में गिर गया। एनडीए ने लोकसभा में ध्वनि मत से अविश्वास प्रस्ताव को आसानी से हरा दिया। प्रस्ताव के तीन दिनों में मणिपुर हिंसा और अन्य मुद्दों पर सत्तारूढ़ और विपक्षी गठबंधन के बीच तीखी लड़ाई देखी गई।