टूटी परंपरा: मिस वर्ल्ड को चुनने के लिए अब नहीं होगा बिकनी राउंड
महिलाओं को बिकनी में देखने की जरूरत नहीं
इसको लेकर जूलिया मोर्ले ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि उन्हें महिलाओं को बिकीनी में चलता देखने की जरूरत कतई महसूस नहीं होती. उन्हें ऐसा लगता कि इससे महिलाओं का कहीं कोई लेना-देना नहीं है और न ही इसका उनसे ही कुछ लेना-देना है.
'असल में देखना चाहिए कि वह क्या बोलती हैं'
उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें इससे भी कतई फर्क नहीं पड़ता कि किसी का पिछला हिस्सा किसी अन्य की तुलना में दो इंच बड़ा है या नहीं. उनकी नजर वास्तव में स्त्री के नितंब पर नहीं है. उन्होंने कहा कि वास्तव में वह सुनना चाहते हैं कि वह क्या बोलती हैं. इससे उनके असली व्यक्तिव का पता चलता है, जो उन्हें हकीकत में विश्व की असली सुंदरी बनने में मदद करता है.
प्रतिस्पर्धा के अंत में दिखा बिकनी राउंड
गौरतलब है कि लंदन में 14 दिसंबर को आयोजित हुई मिस वर्ल्ड प्रतिस्पर्धा में साउथ अफ्रीका की रोलेन स्ट्रॉस मिस वर्ल्ड चुनी गईं थीं. प्रतिस्पर्धा के अंतिम राउंड में सभी प्रतिभागी बिकीनी में नजर आई थीं. इस राउंड को देखने के बाद मोर्ले ने पिछली 63 साल पुरानी इस परंपरा को तोड़ने का निश्चय किया.