अब हाथ नहीं, दिमाग के सिग्नल से चलेगी आपकी कार! इस कंपनी ने लॉन्च की चौंकाने वाली टेक्नोलॉजी
'Brain-to-vehicle' टेक्नोलॉजी से लैस कार चलेगी दिमाग के इशारे पर
अनोखी और चौंकाने वाली टेक्नोलॉजी को डेवलप करने के मामले में जापानियों का वाकई कोई जवाब नहीं है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि अमेरिका से लेकर जर्मनी तक तमाम देश सालों से ड्राइवरलेस कारों को सड़कों पर लाने को तुले हुए हैं, लेकिन कुछ ही देशों में सफल टेस्टिंग के अलावा दुनिया के किसी भी शहर में ड्राइवरलेस कारें सक्सेसफुली नहीं चलाई जा सकीं। पर अब जापान की फेमस कार निर्माता कंपनी Nissan ने एक टेक्नोलॉजी को पेश किया है, जो दुनिया में कार और बाकी 4 व्हीलर्स को ड्राइव करने के पूरे विज्ञान को बदलकर रख देगी। Nissan ने इस अनोखी तकनीक को 'Brain-to-vehicle' नाम दिया है। इसका मतलब है कि इस तकनीक के साथ आने वाली कार इतनी स्मार्ट होगी कि स्टीयरिंग के बिना, सिर्फ कार चलाने वाले के दिमाग को रीड करके कार को सड़कों पर दौड़ाएगी। आम भाषा मे इस तकनीक को ब्रेन से कार चलाना कहा जाता है।
Nissan मोटर्स की ओर से कार ड्राइविंग की इस नई तकनीक को लेकर बताया गया है कि इसमें कार की ड्राइविंग सीट पर बैठा व्यक्ति अपने सिर पर माइक्रोसेंसर से लैस एक एक छोटी सी कैप लगाएगा। यह कैप हर सेकेंड ड्राइवर की ब्रेन मैपिंग करेगी और उससे निकलने वाले संकेतों को इस हाईटेक कार को भेजेगी। यहीं प्रोसेस कार को सड़क पर दौड़ाएगा। कार चलाने को लेकर दिमाग में चल रही हर एक वेव एक्टीविटी को ये ब्रेन सेंसर रियल टाइम में ट्रैक करेंगे और कार में लगा Autonomous ड्राइविंग सिस्टम इस सिग्नल को प्रोसेस करके कार को ड्राइव करेगा।
अगर आप सोच रहे हैं कि ब्रेन से कार तक इन संकेतों को पहुंचने में तो काफी समय लगेगा, तब तो चल चुकी कार और एक्सीडेंट तो कभी भी हो सकता है। तो जनाब ऐसा बिल्कुल भी नही है। कार में Autonomous ड्राइविंग सिस्टम ड्राइवर के दिमाग से निकलने वाले वेव सिगनल्स को बहुत तेजी से प्रोसेस करके रोड पर बिल्कुल सही डिसीजन लेने की क्षमता रखता है। यहीं नही ये B2V कार टेक्नोलॉजी किसी ड्राइवर की तुलना में 0.2 to 0.5 सेकेंड्स तेजी से कार को कंट्रोल और हैंडल कर सकती है। पलक झपकने से पहले ही यह तकनीक कार का मोड़ने या स्लो कर सकती है।
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