टी-20 इतिहास के वो 5 रोमांचक मैच, जब आखिरी गेंद पर हुआ जीत-हार का फैसला
1. नीदरलैंड बनाम इग्लैंड - 2009
साल 2009 में हुए टी-20 वर्ल्ड कप का पहला मैच इंग्लैंड और नीदरलैंड के बीच खेला गया था। इंग्लिश टीम को लगा कि वह यह मैच आसानी से जीत लेंगे। मगर उस दिन कुछ ऐसा हुआ जिसने सभी क्रिकेट प्रशंसकों को सकते में डाल दिया था। इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का निर्णय लिया। ओपनर बल्लेबाज ल्यूक राइट (71) और रवि बोपारा (46) की शानदार पारी की बदौलत इंग्लैंड ने निर्धारित 20 ओवर में 162 रन बनाए। उस वक्त यह लक्ष्य काफी बड़ा माना जाता था। अब बारी थी नीदरलैंड के बल्लेबाजों की, 23 रन पर टीम के 2 विकेट गिर चुके थे। इसके बावजूद इंग्लैंड जैसी मजबूत टीम के साथ नीदरलैंड ने बराबरी का मुकाबला किया। मैच आखिरी ओवर तक खिंच गया। 20वें ओवर में नीदरलैंड को जीत के लिए 7 रन की दरकार थी। सामने थे स्टुअर्ट ब्रॉड, पहली दो गेंदों पर 2 रन बने। इस बीच इंग्लिश फील्डरों ने दो रनआउट भी मिस किए। अब आखिरी गेंद पर 2 रन की जरूरत थी, ब्रॉड के पास थ्रो आया मगर वो स्टंप को हिट करने से चूक गए और नीदरलैंड ने टारगेट चेज कर लिया। टी-20 क्रिकेट के इतिहास में यह पहला और सबसे बड़ा उलटफेर था।
2017 में श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक रोमांचक टी-20 मैच खेला गया। कंगारुओं ने पहले बल्लेबाजी करते हुए श्रीलंका को 174 रन का लक्ष्य दिया। श्रीलंकन टीम के लिए इस लक्ष्य को पाना आसान नहीं था, क्योंकि उनके 5 विकेट 40 रन पर गिर गए थे। इसके बाद क्रीज पर बल्लेबाजी करने आए असेला गुनारत्ने और चमारा कपुगेदरा, दोनों ने तेजतर्रार पारी खेलकर टीम को लक्ष्य के करीब ला दिया। श्रीलंका को आखिरी 3 ओवर में जीत के लिए 48 रन चाहिए थे। गुनारत्ने की 46 गेंदों में 84 रनों की धुआंधार पारी की बदौलत श्रीलंकन टीम ने आखिरी गेंद में मैच जीत लिया।