Subhash Chandra Bose death mystery : नेताजी के परिजनों ने उठाए मुखर्जी कमीशन की रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर सवाल
कोलकाता (पीटीआई)। 24 अगस्त को लिखे एक खुले पत्र में उनके पड़पोते सूर्य बोस और पड़पोती माधुरी बोस ने कहा कि जस्टिस मनोज कुमार मुखर्जी ने अपनी रिपोर्ट 8 नवंबर, 2005 को पूरी की थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि नेताजी की कथित प्लेन दुर्घटना में मौत नहीं हुई थी। जो अस्थियां टोक्यो स्थित रेंकोजी मंदिर में रखी गई है वह भी नेताजी की नहीं है। 1999 में गठित किए गए कमीशन यह जानकारी नहीं दे सका कि उनकी कब, कहां और कैसे मौत हुई।विमान दुर्घटना में नेताजी की मौत नहीं तो कैसे?
पत्र में कहा गया है कि जस्टिस मुखर्जी ऐसे ही निष्कर्ष पर पहुंच गए कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत हो गई। जस्टिस मुखर्जी ने ताइवान में किसी विमान के दुर्घटनाग्रस्त न होने और उसमें नेताजी की मौत नहीं होने को लेकर जो तर्क और प्रमाण दिए हैं, उनकी कोई विश्वसनीयता नहीं है। दोनों परिजनों का कहना था कि इस 75 साल बीत चुके हैं जब जापान सरकार ने आधिकारिक रूप से नेताजी के ताइवान में 18 अगस्त, 1945 को एक विमान दुर्घटना में मारे जाने की सूचना दी थी। लेकिन वे जीवित थे तो उनका क्या हुआ? यह सवाल करोड़ों लोगों के दिमाग में अब भी अनुत्तरित है।
रेंकोजी मंदिर की अस्थियाें की हो डीएनए जांचदोनों परिजनों ने टोक्यो स्थित रेंकोजी मंदिर में रखी गईं अस्थियों का डीएनए टेस्ट की मांग की है। जस्टिस मुखर्जी कमीशन के सामने एक्सपर्ट्स ने ऐसा करने को कहा था लेकिन उनकी मांग खारिज कर दी गई। रेंकोजी मंदिर प्रशासन हर प्रकार से सहयोग को राजी था लेकिन जस्टिस मुखर्जी ने डीएनए टेस्ट नहीं कराने का फैसला किया। अस्थियों की डीएनए जांच की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि विज्ञान ने पिछले 15 सालों में बहुत तरक्की की है। पहले की अपेक्षा अब इस प्रक्रिया को सफलतापूर्वक किया जा सकता है। मुखर्जी कमीशन की रिपोर्ट को संसद में 17 मई, 2006 को पेश किया गया था।नेताजी पर नेशनल-इंटरनेशनल स्तर पर 10 इंक्वायरी
ताइहोकू एयर क्रैश के बाद नेताजी के गायब होने के संबंध में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कम से कम 10 जांच हो चुकी है। सभी जांच ने नेताजी की मौत विमान दुर्घना में बताया गया है। इनमें एक जांच में जापान सरकार का आधिकारिक तौर पर स्वीकृति भी शामिल है। जस्टिस मुखर्जी कमीशन ऑफ इंक्वायरी (जेएमसीआई) 2005 ने इस बात को नहीं माना है। इस कमीशन का गठन भारत सरकार ने किया था। इससे पहले शाह नवाज कमेटी ऑफ इंक्वायरी 1956 और खोसला कमीशन 1974 में अपनी रिपोर्ट दे चुके थे।रेंकोजी मंदिर में रखी हैं नेताजी की अस्थियांपूर्व के दोनों कमीशन (नवाज और खोसला) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि नेताजी की मौत ताइवान के ताइहोकू मिलिटरी अस्पताल में हुई थी। वे जापानी मिलिटरी विमान से यात्रा कर रहे थे तभी वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। उनकी अस्थियां जापान की राजधानी टोक्यो स्थित रेंकोजी मंदिर में रखी गई है। 2017 में केंद्र सरकार ने संसद में कहा था कि नेताजी की मौत एयर क्रैश में 1945 में हो गई थी। हालांकि उनके गायब होने की परिस्थियों को लेकर संबंधी विवाद अब भी जारी है। एक फिल्म 'गुमनामी' ने इसे और हवा दे दी है। जिसका परिवार के कुछ सदस्यों सुगत बोस, कृष्णा बोस और चंद्र बोस ने विरोध किया था।नेताजी से संबंधित फाइलें हो चुकी हैं सार्वजनिक1 जून, 2017 को गृह मंत्रालय ने एक आरटीआई के जवाब में कहा था कि नेताजी के गायब होने को लेकर बनी विभिन्न कमेटियों और रिपोर्ट पर विचार करने के बाद सरकार का यही निष्कर्ष है। केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल सरकार ने बोस से संबंधित सैकड़ों फाइलों को सार्वजनिक कर दिया है।