Net neutrality : व्हॉट्सएप, वाइबर और स्काईप में कॉल नहीं मिलेगी फ्री
internet.org का विरोध
नेट न्यूट्रेलिटी को लेकर सरकार की तरफ से पैनल गठित किया गया है, जो इस मसले पर अच्छी तरह से जांच परख कर रहा है। पैनल व्हॉट्सएप जैसी एप्लीकेशन के अगेंस्ट तो हैं ही, साथ ही फेसबुक द्वारा शुरु किए गए internet.org जैसे प्रोजेक्ट्स का विरोध भी किया है। यह ऐसी वेबसाइट है, जिसके जरिए बिना मोबाइल डाटा खर्च किए कॉल की जा सकती है। ऐसे में पैनल का इस पर शिकंजा कसना तय है। वहीं पैनल ने एयरटेल जीरो विवाद को लेकर भी स्पष्ट कर दिया कि, ऐसे प्लॉन को दूरसंचार नियामक ट्राई से मंजूरी लेने के बाद ही शुरु किया जा सकता है।
लोकल कॉल का नियम
पैनल का यह भी कहना है कि, टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर (TSP) और ओटीटी कम्यूनिकेशन सर्विसेज के जरिए होने वाली स्थानीय कॉल्स को नियमों के दायरे में शामिल किया जाना चाहिए। वहीं पैनल ने फेसबुक के internet.org पर कहा कि अप्रैल 2015 तक इसके यूजर्स केवल कुछ ही वेबसाइट्स पर फ्री में इस्तेमाल करते थे। इससे नेट न्यूट्रिलिटी का उल्लंघन हो रहा था।
फेसबुक की अलग है राय
एक तरफ जहां सरकारी पैनल ने internet.org को अलग कैटेगरी में ला खड़ा कर दिया है, तो वहीं फेसबुक इसे अलग मापदंड पर रख रही है। फेसबुक के वाइस प्रेसीडेंट (मोबाइल एंड ग्लोबल एक्सेस पॉलिसी) केविन मार्टिन ने डॉट की रिपोर्ट पर कहा है कि, internet.org एक ऐसा प्लेटफॉर्म है। जहां इंटरनेट के इस्तेमाल को प्रमोट किया जा रहा है। यह ओपन और नॉन एक्सक्लूसिव प्लेटफॉर्म है। internet.org गेटवे की तरह काम करता है न कि गेटकीपर की तरह। फिलहाल internet.org का भविष्य क्या होगा, यह पैनल डिसाइड करेगा। इसमें पैनल की अध्यक्षता दूरसंचार विभाग (डॉट) के टेक्नोलॉजी सलाहकार ए.के. भार्गव कर रहे हैं।