नेल्सन मंडेलाः एक युग का अंत
नेल्सन मंडेला दुनिया के बेहतरीन राजनेताओं में शुमार किए जाते थे.उन्होंने दक्षिण अफ़्रीका में रंगभेदी सरकार की जगह एक लोकतांत्रिक बहुनस्ली सरकार बनाने के लिए लंबा संघर्ष किया और इसके लिए वे 27 साल तक जेल में रहे.देश के पहले काले राष्ट्रपति का पद संभालते हुए उन्होंने कई अन्य संघर्षों में भी शांति बहाल करवाने में अग्रणी भूमिका निभाई.उन्हें 1993 में नोबेल शांति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया.खुशमिज़ाज व्यक्तित्वनेल्सन मंडेला से जुड़ी प्रमुख तिथियां.1918पूर्वी केपटाउन में जन्म.1943अफ्रीकी नेशनल कॉन्ग्रेस से जुड़े.1956देशद्रोह का आरोप लगा, लेकिन बाद में ये वापस ले लिया गया.1962गिरफ़्तार हुए, तोड़-फोड़ का दोषी पाया गया. पांच साल कैद1964दोबारा दोषी पाए गए, आजीवन कारावास की सज़ा1990जेल से छूटे1993शांति के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित1994पहले काले राष्ट्रपति चुने गए1999नेता के रूप में पद छोड़ दिया.
2004पांच साल राष्ट्रपति बने रहने के बाद 1999 में उन्होंने कुर्सी छोड़ी और दक्षिण अफ़्रीका के सबसे प्रभावशाली राजनयिक साबित हुए.इस के तहत वो देश की बहुराष्ट्रीय कंपनियों को देश में ही रहने और निवेश करने के लिए राज़ी कर पाए. 1992 में उनका अपनी दूसरी पत्नी के साथ तलाक हो गया था जब विनी मंडेला पर अपहरण और हमले का आरोप लगा.अपनी 80वीं सालगिरह पर उन्होंने मोज़ांबिक के पूर्व राष्ट्रपति की विधवा ग्राका माशेल से शादी कर ली. राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद भी वो दुनिया का भ्रमण करते रहे, विश्व नेताओं से मिलते रहे और पुरस्कार बटोरते रहे.आधिकारिक रूप से सेवानिवृत्ति के बाद उनका ज़्यादा वक्त उनके द्वारा स्थापित मंडेला फ़ाउंडेशन के कामों में ही गुज़रा.अपनी 89वीं सालगिरह पर उन्होंने एल्डर्स नामक संस्था का गठन किया जिसमें बड़ी और जटिल समस्याओं को सुलझाने और सुझाव देने के लिए दुनिया के बड़े बड़े नेता शामिल हुए.जब 2005 में उनके इकलौते बेटे की मौत हुई तो सामाजिक वर्जनाओं से घिरे दक्षिण अफ़्रीकी समाज के बावजूद उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा कि उनकी मौत एड्स की बीमारी से हुई है.उन्होंने दक्षिणी अफ़्रीकी लोगों से कहा कि वो एड्स के बारे में खुलकर बात करें जिससे वो भी एक आम बीमारी की तरह ही नज़र आए.
सार्वजनिक जीवन से अवकाशजिन लोगों ने उन्हें जेल में बंद रखा, यातनाएं दीं उनके प्रति भी उन्होंने कोई कड़वाहट नहीं दिखाई.वे हमेशा खुशमिजाज़ नज़र आए और उनके व्यक्तित्व और ज़िंदगी की कहानी ने पूरी दुनिया को रिझाया.
उन्होंने एचआईवी और एड्स के ख़िलाफ़ मुहिम छेड़ी और दक्षिण अफ़्रीका के लिए 2010 के फ़ुटबॉल विश्व कप की मेज़बानी हासिल करने में भी उनकी भूमिका रही.मंडेला कॉंगो, बुरूंडी और अफ़्रीका के अन्य देशों में शांति बहाल करने की प्रक्रिया में भी शामिल रहे.साल 2001 में उन्हें पता चला कि उन्हें प्रोस्टेट कैंसर है और 2004 में उन्होंने सार्वजनिक ज़िंदगी से ये कहकर संन्यास लिया कि वो अपने परिवार और दोस्तों के साथ ज़्यादा समय बिताना चाहते हैं और 'आत्मचिंतन' में वक्त लगाना चाहते हैं.कार्यक्रमों और समारोहों के लिए न्योता भेजनेवालों के लिए उन्होंने संदेश दिया, "आप मुझे फ़ोन मत कीजिएगा, मैं आपको फ़ोन कर लूंगा."राजसी बचपन
उन्होंने कहा, "ये वो सोच है जिसे हासिल करने के लिए मैं जीना चाहता हूं. लेकिन अगर ज़रूरत पड़ी तो इसके लिए मैं मरने को भी तैयार हूं."उन्हें 1964 के जाड़े में उम्र क़ैद सुनाई गई.बारह महीनों के अंतराल में 1968 और 1969 के बीच उनकी मां की मृत्यु हो गई और उनका सबसे बड़ा बेटा कार दुर्घटना में मारा गया लेकिन उन्हें उनके अंतिम संस्कार में भाग लेने की भी इजाज़त नहीं दी गई.अंतरराष्ट्रीय अभियान"विश्व समुदाय ने रंगभेदी दक्षिण अफ़्रीकी सरकार पर 1967 में लगाए गए प्रतिबंधों को और कड़ा कर दिया. दबाव का असर ये हुआ कि 1990 में राष्ट्रपति एफ़ डब्ल्यू डी क्लार्क ने अफ़्रीकी नैशनल कांग्रेस पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया और मंडेला को भी जेल से रिहा कर दिया गया."रॉबेन आइलैंड पर वो 18 साल तक जेल में बंद रहे और फिर 1982 में उन्हें पॉल्समूर जेल में स्थानांतरित कर दिया गया.जिस दौरान मंडेला और उनके साथी जेल में बंद थे दक्षिण अफ़्रीका के काले-बहुल शहरों के नौजवान श्वेत अल्पमत सत्ता के ख़िलाफ़ जूझते रहे.सैंकड़ों मारे गए और हज़ारों घायल हो गए जब स्कूली बच्चों के इस आंदोलन को कुचला गया.
मंडेला के वकील दोस्त टैंबो ने 1980 में उनकी रिहाई के लिए अंतरराष्ट्रीय अभियान की शुरूआत की.विश्व समुदाय ने रंगभेदी दक्षिण अफ़्रीकी सरकार पर 1967 में लगाए गए प्रतिबंधों को और कड़ा कर दिया.दबाव का असर ये हुआ कि 1990 में राष्ट्रपति एफ़ डब्ल्यू डी क्लार्क ने अफ़्रीकी नैशनल कांग्रेस पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया और मंडेला को भी जेल से रिहा कर दिया गया.राष्ट्रपति मंडेला