भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे विवादित क्रिकेटरों में शुमार नयन मोंगिया का आज 49वां जन्मदिन है। मोंगिया ने करीब सात साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला मगर उनकी बल्लेबाजी हमेशा विवादों में रही।


कानपुर। 19 दिसंबर 1969 को गुजरात में जन्में नयन मोंगिया भारत के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज रहे हैं। मोंगिया दाए हाथ से बल्लेबाजी किया करते थे। साल 1994 में श्रीलंका के खिलाफ वनडे और टेस्ट में डेब्यू करने वाले मोंगिया ने अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच 2001 में खेला। इस दौरान मोंगिया को 44 टेस्ट खेलने का मिले जिसमें उन्होंने 24.03 की औसत से सिर्फ 1442 रन बनाए। यही नहीं इनका वनडे रिकाॅर्ड तो और ज्यादा खराब है। मोंगिया के नाम 140 वनडे मैचों में मात्र 1272 रन दर्ज हैं। ये रन उन्होंने 20.19 के मामूली औसत से बनाए। एक वक्त ऐसा आया जब इस बल्लेबाज को टीम को जानबूझकर हराने के आरोप में टीम से निकाल दिया गया। यह थी मैच की पूरी कहानी
साल 1994 में विल्स वर्ल्ड सीरीज का आयोजन किया गया था, जिसमें भारत, वेस्टइंडीज और न्यूजीलैंड की टीमों ने हिस्सा लिया। इस टूर्नामेंट को इंडिया ने होस्ट किया था। तीनों टीमों को दो-दो बार आपस में भिड़ना था, उसके बाद टॉप दो टीमें फाइनल में जाने वाली थीं। भारत ने वेस्टइंडीज और न्यूजीलैंड को पहले मुकाबले में हरा दिया। मगर विंडीज के खिलाफ भारतीय टीम दूसरा मैच खेलने कानपुर में उतरी। भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग का निर्णय लिया। विंडीज ने निर्धारित 50 ओवर में 6 विकेट के नुकसान पर 257 रन बनाए।नाबाद लौटे मोंगिया मगर नहीं बनाए रनलक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया को जीत के लिए 258 रन बनाने थे। भारत की तरफ से मनोज प्रभाकर और सचिन तेंदुलकर ओपनिंग करने आए। सचिन तो 34 रन बनाकर आउट हो गए मगर प्रभाकर क्रीज पर डटे रहे। इसके बाद थोड़े-थोड़े अंतराल पर भारत के विकेट गिरते गए। आखिरी में भारतीय टीम को जीत के लिए 54 गेंदों में 63 रन बनाने थे। क्रीज पर प्रभाकर और मोंगिया थे, चूंकि प्रभाकर पहले ओवर से खेल रहे थे तो उन्हें पिच का अंदाजा था और मोंगिया भी रन बना लेते थे। सभी को लगा भारत यह मैच आसानी से जीत जाएगा, इस बीच प्रभाकर ने अपना शतक पूरा कर लिया। मगर आखिरी 9 ओवरों में भारत ने सिर्फ 16 रन बनाए। प्रभाकर और मोंगिया के नाबाद पवेलियन लौटने के बावजूद भारत यह मैच 46 रन से हार गया।टीम से निकाले गए बाहर


भारत के इस जीते हुए मैच के हारने पर बोर्ड काफी नाराज हुआ। प्रभाकर और मोंगिया को पूरी सीरीज से बाहर निकाल दिया गया। यही नहीं मैच रेफरी रमन सुब्बा ने भारत के दो प्वॉइंट भी काट लिए। माना जा रहा था भारत यह मैच जानबूझकर हारा क्योंकि वह चाहता था फाइनल में न्यूजीलैंड नहीं वेस्टइंडीज पहुंचे। खैर रेफरी के इस फैसले पर भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने आईसीसी का दरवाजा खटखटाया जहां उनकी फरियाद सुनी गई और रेफरी के फैसले को गलत ठहराया। इतना सबकुछ विवाद होने के बावजूद फाइनल में भारत-वेस्टइंडीज का सामना हुआ। खिताबी मुकाबले में टीम इंडिया ने विंडीज को 72 रनों से मात दी।मैच फिक्सिंग में पाए गए दोषीमोंगिया का क्रिकेट करियर सिर्फ यहीं तक विवादित नहीं है। एक बार मैच में अंपायर के फैसले पर उंगली उठाने के चलते मोंगिया को सस्पेंड कर दिया गया था। इसके अलावा जिस मैच में मोंगिया को रन न बनाने के चलते टीम से बाहर किया गया, उस पर फिक्सिंग का साया आ गया। जांच में पता चला कि अजहर, प्रभाकर और मोंगिया ने मैच फिक्स किया था। इसके बाद इन तीनों पर बैन लगा दिया गया। हालांकि मोंगिया इसके बाद इंटरनेशनल क्रिकेट तो नहीं रणजी मैच जरूर खेलते थे मगर 2004 में जब बड़ौदा टीम ने उन्हें नहीं रखा गया तो मोंगिया को मजबूरन संन्यास लेना पड़ा।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari