मंटो मूवी रिव्यू: नवाजुद्दीन ने गजब दिखाई मंटो की अजब कहानी
कहानी :
1946 से लेकर मशहूर लेखक सादत हसन मंटो की जिंदगी की कहानी।
एक अच्छा लेखक अपनी कलम में सच को कैद कर सकता है। एक सच्चा लेखक समाज को आइना दिखा सकता है। पर क्या बीतती है उस लेखक पर जो कहीं न कहीं अपनी ही कहानियों में दूर खड़ा अपने पात्रों को देखता रहता है। सादत हसन मंटो की ज़िंदगी खुद ही एक कहानी है उसे 2 घंटे की फिल्म में ढालना बड़ा मुश्किल काम है पर जैसे इस फिल्म में किया गया है वैसे बॉलीवुड में कम ही देखने को मिलता है। अगर आपने मंटो को नहीं पढ़ा है तो कोई बात नहीं मंटो की अपनी कहानी के अलावा इस फिल्म की कहानी में मंटो की पांच कहानियां भी गुथी हुई हैं। आप जान जाएंगे कि जिस इंसान के बारे में आप फिल्म देख रहे हैं वो अपने समय से कहीं आगे का प्रोग्रेसिव राइटर था। फिल्म के टेक्निकल असस्पेक्ट भी अद्भत हैं। आर्ट डायरेक्शन, कॉस्ट्यूम और बैकग्राउंड म्यूजिक एक दम परफेक्ट है।
अदाकारी :
नवाज अब आपके बारे में शब्द खत्म होते जा रहे हैं। नवाज को देख के ऐसा लगेगा कि वो मंटो ही हैं। हर एक छोटी छोटी नुअन्स और बारीकी एक दम परफेक्ट। रसिका दुग्गल का भी काम शानदार है। ताहिर का ये अब तक का सबसे अच्छा परफॉर्मेन्स है। साथ ही एक दर्जन और जबरदस्त एक्टर्स को आप छोटे छोटे पर इम्पोर्टेन्ट रोल्स में देखेंगे
Twitter : yohaannn