Navratri Day 7: किस तरह करें मां कालरात्रि की पूजा, विधि और भोग
शारदीय नवरात्रि के सातवें दिन देवी कालरात्रि की आराधना की जाती है। भयंकर रूप वाली देवी का वर्ण काला व वाहन गधा है। उनके चार हाथ हैं। दाहिने दो हाथों में से एक अभय मुद्रा व दूसरा वरद मुद्रा में रहता है और बाएं दोनों हाथों में से एक में तलवार व दूसरे में लोहे का अस्त्र धारण करती हैं। यह माना जाता है कि वह शनि ग्रह का नियमन करती हैं। दूर करती हैं भय, निराशा व चिंता मां कालरात्रि की पूजा करने से शनि ग्रह संबंधी दोष दूर हो जाते हैं। इतना ही नहीं मृत्यु तुल्य कष्टों से भी मुक्ति मिलती है। मां की आराधना करने से सभी क्षेत्रों में सफलता मिलती है। यह माना जाता है कि मां कालरात्रि की पूजा से हड्डी संबंधी रोगों, श्वांस, फालिस आदि में लाभ होता है। इतना ही नहीं निराशा, चिंता व भय भी दूर होता है।
Navratri Day 4 किस तरह करें माता कूष्माण्डा की पूजा, विधि और भोगपूजा विधि, भोग व कथा
शारदीय नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि के पूजन में बेला का फूल मां को अर्पित करें। कथा है कि जब देवी पार्वती ने शुंभ व निशुंभ नामक दैत्यों के नाश के लिए अपनी वाह्य त्वचा को हटाया, तब उन्हें कालरात्रि नाम मिला। देवी पार्वती का यह सबसे भयंकर रूप है, वह अपने भक्तों को अभय व वरद मुद्रा में आशीर्वाद देती हैं। अपनी शुभाशुभ शक्तियों के कारण देवी कालरात्रि को देवी शुंभकरी कहकर भी बुलाया जाता है।Navratri Day 5: किस तरह करें मां स्कंदमाता की पूजा, विधि और भोग