नवरात्रि 2018: पांचवे दिन करते हैं स्कन्द माता की अराधना, जानें पूजा विधि और मंत्र
रणभूमि में शत्रुओं पर विजय तथा विषम संकट से दूर करने वाली स्कन्द की माता का नवरात्रि के पांचवे दिन दर्शन-पूजन का विधान है। छानदोग्य श्रुति के अनुसार, बाणासुर नामक राक्षस का वध करने हेतु आद्यशक्ति के तेज़ से छः मुख वाले सनतकुमार का जन्म हुआ, इन्हीं का नाम स्कन्द पड़ा।
पूजा करने से होती है संतान प्राप्तिसच्चे मन से स्कन्द माता की पूजा करने से देवी भक्तों पर प्रसन्न होती हैं और उनको मोक्ष देती हैं। नि:संतान व्यक्ति अगर माता की पूजा करते हैं तो उनको संतान प्राप्त होती है।पूजा विधिगाय के गोबर के उपले जलाकर उसमें घी, हवन सामग्री, बताशा, लौंग का जोड़ा, पान, सुपारी, कपूर, गूगल, इलायची, किसमिस, कमलगट्टा अर्पित करें। इसके बाद आप माता के इस मंत्र का जाप करें।ऊँ ह्लीं स: स्कंदमात्र्यै नम:।।एक और मन्त्र है