अब ऑफ़लाइन भी रास्ता बताएगा गूगल मैप्स
नया सॉफ्टवेयर, ऑफ़लाइन रहते हुए भी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, उनके खुलने के समय और टेलीफ़ोन नंबर खोजने में मदद करेगा।कंपनी ने कहा है कि यह योजना उन पर्यटकों के लिए काफी फायदेमंद रहेगी जो अपने सब्सक्रिप्शन प्लान के बाहर के क्षेत्र में घूमने जाते हैं। इसके अलावा यह उभरती हुई अर्थव्यवस्था में रह रहे लोगों के लिए भी मददगार होगी, जहां इंटरनेट महंगा है।हालांकि एक विशेषज्ञ ने कहा कि सस्ते फ़ोन वाले उपभोक्ताओं के लिए यह सॉफ्टवेयर बहुत फायदेमंद नहीं रहने वाला है।सीसीएस इनसाइट के बेन वुड के अनुसार, “एंट्री लेवल एंड्रायड फ़ोन्स में केलव चार जीबी की स्टोरेज जगह होती है, जिससे फ़ोन में स्पेस की क़िल्लत हो जाएगी।”गूगल का कहना है कि ग्रेटर लंदन जितने बड़े इलाक़े की डाउनलोडिंग के लिए 380 एमबी स्पेस, जबकि सैन फ़्रांसिस्को बे जितने बड़े इलाक़े के लिए 200 एमबी स्पेस की ज़रूरत पड़ेगी।
उनके मुताबिक़, “गूगल मैप बहुत स्लो रहता है और सीमित इंटरनेट में तो कई बार यह पूरी तरह ठप हो जाता है. लेकिन अब यूज़र्स को ढेर सारे स्क्रीन शॉट रखने की ज़रूरत नहीं रहेगी। इसके अलावा खोजने या रास्ता पता करने के लिए लोडिंग टाइम भी काफी कम हो जाएगी।”
उनके अनुसार, “हमारी टीम में जिसने भी यह ऐप इस्तेमाल किया उसे पुराना ऐप अब पसंद नहीं आ रहा क्योंकि यह देखना बहुत रोचक है कि आप बहुत तेजी से एक सर्च रिजल्ट पर जाते हैं और सेकेंडों में वापस आ जाते हैं। आप पहुत जल्द ही इस तेज रफ़्तार वाले ऐप को पसंद करने लगते हैं।”हालांकि इस ऐप के ऑफ़लाइन मोड की कुछ सीमाएं हैं।समीक्षा करने वालों ने टिप्पणी की है कि यह रेस्त्रां और अन्य व्यावसायिक जगहें इसमें नहीं दिखती हैं और ना ही यूज़र्स की ओर से पोस्ट की गई तस्वीरें।
हालांकि उनका कहना है कि इस मामले में गूगल निर्विवाद रूप से मार्केट लीडर है।