National Vaccination Day 2023: दुनिया को वैक्सीन देने में महाशक्तियों को पछाड़ चुका है भारत, सुनकर गर्व से चौड़ा हो जाएगा सीना
कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। भले इंडिया अभी इंफ्रास्ट्रक्चर और लाइफस्टाइल के मामले में विकसित देशों से पीछे हो, लेकिन एक मामले में उसने अमेरिका और रशिया जैसी महाशक्तियों को भी पछाड़ चुका है, जिसे सुनकर आपका भी सीना चौड़ा हो जाएगा। आज यानी 16 मार्च को नेशनल वैक्सीनेशन डे के मौके पर हम आपको इंडिया की ताकत बता रहे हैं।
WTO की रिपोर्ट WTO यानी वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन की रिपोर्ट के मुताअिक, कोविड वैक्सीन के मामले में भारत 31 मई 2022 तक 2,465 मिलियन से ज्यादा वैक्सीन का एक्सपोर्ट और डॉमेस्टिक सप्लाई कर चुका है। जबकि अमेरिका 1,609 और रशिया केवल 286 मिलियन डोज तक ही सीमित है। इसके बाद Korea, Brazil, Mexico, South Africa और Thailand जैसे देश आते हैं। एक्सपोर्ट में कई देशों को छोड़ासिर्फ और सिर्फ एक्सपोर्ट की ही बात करें, तो भी भारत 140 मिलियन डोज के साथ पांचवे नंबर पर है। साउथ अफ्रीका, रशिया और जापान जैसे देश उससे पिछड़े गए हैं।
फ्रंट लाइन वर्कर्स की कड़ी मेहनतपहली बार नेशनल वैक्सीनेशन डे को 16 मार्च 1995 में मनाया गया था. उस दिन पहली बार ओरल पोलियो वैक्सीन यानी कि मुंह के माध्यम से पोलियो वैक्सीन दी गई थी और इसी के साथ भारत सरकार ने पोलियो को जड़ से खत्म करने का अभियान पल्स पोलियो शुरू किया था. इस दिन को विशेष रूप से हेल्थ सेक्टर में आगे बढ़कर काम कर रहे फ्रंट लाइन वर्कर्स की कड़ी मेहनत और उनकी सराहना करने के लिए मनाया जाता है, जो यह सुनिश्चित करते हैं कि देश का कोई भी शख्स वैक्सीनेशन से छूट तो नहीं गया है।
वैक्सीनेशन का पुरान इतिहास आज से करीब 200 साल पहले ब्रिटिश राज में जब देश में पहला वैक्सीनेशन अभियान शुरू किया गया था। आज से 200 साल पहले दुनिया चेचक जैसी महामारी से त्रस्त थी. भारत में वैक्सीनेशन की शुरुआत 1802 में हुई थी. तब पहली बार मुंबई की एक तीन वर्षीय बच्ची को चेचक की वैक्सीन की पहली डोज दी गई थी. चेचक महामारी को कम करने के लिए भारत में 1896 में अनिवार्य टीकाकरण अधिनियम पारित किया गया था.