स्पेलिंग मुक़ाबले में 8वीं बार 'भारतीयों' की फ़तह
कैंसस राज्य की वान्या शिवशंकर और मिसूरी से आए गोकुल वेंकटचलम को मुकाबले का संयुक्त विजेता घोषित किया गया.वान्या शिवशंकर पांचवी बार इस प्रतियोगिता में उतरी थीं और ये दूसरी बार था जब वो फ़ाइनल में पहुंची थीं. उनकी बहन काव्या शिवशंकर 2009 की विजेता रह चुकी हैं. वान्या पियानो भी काफ़ी अच्छा बजाती हैं.सपने का सच होना
सेमीफ़ाइनल में पहुंचे 49 छात्रों में से 25 भारतीय मूल के थे.भारतीय मूल के छात्रों की इस लगातार जीत पर सोशल मीडिया पर पिछले कुछ दिनों में कुछ कड़वाहट भरे बयान भी सामने आए हैं.एक ने लिखा, ''काश किसी साल कोई अमरीकी बच्चा भी जीत सकता.''
दूसरे ने लिखा है, ''ऐसा कैसे हो रहा है कि हर साल भारतीय बच्चे अमरीकी स्पेलिंग बी में दबदबा बनाए रख रहे हैं.''एक और ने लिखा, ''स्पेलिंग बी में सिर्फ़ अमरीकी बच्चों को होना चाहिए.''कड़ी मेहनतये अलग बात है कि ये बच्चे भारतीय मूल के अमरीकी नागिरक हैं और कड़ी मेहनत की बदौलत इस मुकाम तक पहुंचते हैं.