खबर है कि मंगल ग्रह की सतह पर पानी मिलने के एक बार फ‍िर से नए साक्ष्‍य मिल हैं. नासा की शोधकर्ताओं की एक टीम ने उल्‍कापिंड के अध्‍ययन से इस तरह के साक्ष्‍य जुटाए हैं. इसको लेकर शोधकर्ताओं ने बताया कि इस बार पाया गया है कि मंगल की सतह के पास एक विशाल जलाशय मौजूद था.

लंबे समय से जारी है विवाद
हालांकि कुछ समय से मंगल पर पानी की उत्पत्ति, प्रचुरता व इतिहास को लेकर लंबे समय से काफी विवाद चल रहा है. शोध के नतीजे यह पता लगाने में सहायक हो सकते हैं कि मंगल पर मौजूद पानी आखिर चला कहां गया. जलाशय के अध्ययन से मंगल की जलवायु के इतिहास व जीवन की संभावनाओं को समझने में पूरी तरह से मदद मिलेगी.
क्या कहते हैं ताजा आंकड़े
टोक्यो इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के तोमोहीरो उसुई से मिली जानकारी के मुताबिक, पहले के अध्ययनों में इस बात के संकेत मिले थे कि मंगल ग्रह के एक तिहाई हिस्से पर पानी मौजूद था. अब ताजा आंकड़े इन संकेतों की बड़े पैमाने पर पुष्टि करते हैं. इस शोध से पहले मंगल की सतह पर मौजूद जलाशयों के लेकर कोई ठोस साक्ष्य उपलब्ध नहीं थे.
क्यूरियोसिटी भी कर रहा है जांच
नासा के क्यूरियोसिटी रोवर मौजूदा ने अपनी जांच में इस बात की पुष्टि की है कि सतह पर मौजूद बर्फ व जमीन के नीचे पिघल रही बर्फ ने मंगल के वायुमंडल का निर्माण किया है. इस शोध के तहत अलग-अलग समय में मिले विभिन्न उल्कापिंडों का इस्तेमाल किया गया है, ताकि सतह के नीचे मौजूद पानी की मौजूदगी के महत्वपूर्ण साक्ष्य मिल सकें.

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Posted By: Ruchi D Sharma