सदियां बीत गई लेकिन स्वाद अब भी वही
मुगल फूड का स्वाद तो आप सभी ने चखा होगा. भई किसी भी 5 स्टार होटल के मेन मेन्यू में मुगलई पराठ, मुगलई बिरियानी, मुगलई पनीर और पता नहीं कौन कौन सी डिश शुमार रहती हैं. लेकिन एक मुगल डिश ऐसी है जो मुगल पीरियड में भी खोमचों में बिकती थी और आज भी खोमचों में ही बिकती हैं. इस डिश का नाम है नहारी. मोटे और चिकने मांस में तरह तरह के मसालों के तालमेल के से बनी इस डिश को तंदूरी रोटी के साथ परोसा जाता है. साथ ही हरी कटी मिर्च और अदरका हो तो मुख का जायका ही बदल जाता है. वैसे तो आमतौर पर यह सर्दियों कि डिश है. इसे खाने के बाद शरीर में गर्मी आ जाती हैं. लेकिन अपने लजीज स्वाद के कारण देश की राजधानी दिल्ली में इसके खोमचे पूरे 12 महीने लगे रहते हैं.
इस मुगलई डिश की अपनी एक कहानी भी है. कहा जाता है कि मुगल पीरियड में यह डिश गरीबों का खाना हुआ करती थी लेकिन अब इन खोमचों के पास बड़ी बड़ी गाड़ी रखने वाले सेठ से लेकर मजदूरी करने वालों का भी जमावड़ा लगा रहता है.
वो दिन दूर नहीं जब इस डिश को 5 स्टार होटलों की मेन्यू लिस्ट में शुमार कर लिया जाएगा. दिल्ली में इस डिश की वजह से खोमेचे वालों का साल भर अच्छा बिजनेस भी हो जाता है.