कष्टों से छुटकारा दिलाते हैं संकटमोचन हनुमान, चालीसा पढ़ने से मिलते हैं ये लाभ
सभी हनुमान भक्तों के लिए मंगलवार का दिन खास है। वे इस दिन हनुमान चालीसा का जाप करते हैं। शक्ति और साहस का प्रतीक माने जाते है बजरंगबली। उनकी इस चालीसा में 3 दोहे और 40 चौपाई लिखी गई हैं। यह तो सभी भक्त जानते ही है कि हनुमान चालीसा को कवि तुलसीदास ने लिखा। शायद यह नहीं जानते होंगे की हनुमान चालीसा को सबसे पहले खुद भगवान केसरीनन्दन ने सुनी थी। अवधि भाषा में लिखी गई चालीसा के पहले 10 चौपाई उन्हीं की शक्ति का बखान करती है। सिर्फ मंगलवार ही नहीं बल्कि किसी भी दिन लोग अपने मन से भय को भगाने के लिए चालीसा की कुछ चौपाई पढ़ते हैं, जिसमें से सबसे प्रसिद्ध है पहली चौपाई ‘जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिहुँ लोक उजागर‘।
1.हनुमानचालीसा की शुरूआत दो दोहे से होती, जिनका पहला शब्द है ‘श्रीगुरु’. इसमें श्री का संदर्भ सीता माता है जिन्हें हनुमान जी अपना गुरु मानते थे।
2.कवि तुलसीदास अपने अंतिम दिनों तक वाराणसी में रहे। वहां उन्हीं के नाम का एक घाट भी है, जिसे नाम दिया गया ‘तुलसी घाट’। यहीं रहकर तुलसीदास ने हनुमान मंदिर भी बनाया जिसका नाम है ‘संकटमोचन मंदिर’।3. प्रसिद्ध कथा के अनुसार जब तुलसीदास ने रामचरितमानस बोलना समाप्त किया तब तक सभी व्यक्ति वहां से जा चुके थे, लेकिन एक बूढ़ा आदमी वहीं बैठा रहा। वो आदमी और कोई नहीं बल्कि खुद केसरीनन्दन थे। इस बात से तुलसीदास बहुत प्रसन्न हुए और तब उन्होंने उनसे जुड़ी 40 चौपाई कह डाली।
4.हनुमान चालीसा में वीरहनुमान के ऊपर 40 चौपाई लिखी गई हैं। यह चालीसा शब्द इन्हीं 40 अंक से मिला। 5.चालीसा के पहले 10 चौपाई उनके शक्ति और ज्ञान का बखान करते हैं। 11से 20 तक के चौपाई में उनके भगवान राम के बारे में कहा गया, जिसमें 11 से 15 तक चौपाई भगवान राम के भाई लक्ष्मण पर आधारित है। आखिर की चौपाई में तुलसीदास ने पवनपुत्र की कृपा के बारे में कहा है।4. कोई अपराध करने पर अगर आपको ग्लानि होती है और क्षमा मांगना चाहते हैं तो चालीसा का पाठ करें।
5.अगर किसी व्यक्ति पर शनि का संकट छाया है तो उस व्यक्ति का हनुमानचालीसा पढ़ना चाहिए। इससे उसके जीवन में शांति आती है। ये भी पढ़ें: हनुमान जी का कवच मंत्र डर से दिलाता है मुक्ति, श्रीराम ने भी किया था इसका जापये भी पढ़ें: शनिवार को करेंगे ये आसान उपाय तो शनिदेव होंगे प्रसन्न, बुरा वक्त हो जाएगा खत्म