आतंक के खिलाफ मोर्चे का पाक PM का दावा खोखला, आतंकी लखवी के लिए ऐशगाह बनी जेल
इंटरनेट की सुविधाएं दी जा रही
पाक सरकार के आतंक के खिलाफ अभियान चलाने के सारे दावे काफूर होते दिख रहे हैं. पाक में आतंकियों की सेवा काफी शानोशौकत से की जा रही है. उन्हें हर वो सुख साधन मिल रहा है जिसकी उनको दरकार होती है. पेशावर हमले के बाद आतंकवाद के खिलाफ मोर्चा खोलने के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के सारे दावे खोखले साबित हो रहे हैं. उनकी नाक के नीचे ही रावलपिंडी की अदियाला जेल में धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. 26/11 के मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ता लश्कर आतंकी जकीउर रहमान लखवी इसी जेल में पूरे ऐश से रह रहा है. सरकारी संरक्षण में उसे मोबाइल और टीवी के अलावा इंटरनेट की सुविधाएं दी जा रही हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जेलर की मंजूरी से ही लश्कर आतंकी को मोबाइल फोन, इंटरनेट, टीवी का इस्तेमाल करने और हर दिन दर्जनों लोगों से मिलने दिया जा रहा है. लखवी अपने मुलाकातियों से कभी भी मिल सकता है.
लश्कर आतंकियों के संपर्क में रहता
इतना ही नहीं लश्कर आतंकी एक दिन में औसतन सौ लोगों से मिलता है. न तो मुलाकातियों की संख्या पर कोई पाबंदी है और न ही उन्हें अपना नाम-पता बताने या विशेष अनुमति लेने की जरूरत है. रिपोर्ट के अनुसार, कहीं और यह कल्पना से परे हो सकता है, लेकिन पाकिस्तान के सत्ता प्रतिष्ठान को भविष्य में राष्ट्रीय सुरक्षा में काम आने वाले आतंकियों को ऐसी सुविधाएं देने के लिए जाना जाता है.मुलाकातियों से मिलने के अलावा फोन और इंटरनेट के इस्तेमाल पर कोई रोकटोक नहीं होने से लखवी लश्कर आतंकियों के संपर्क में रहता है. अदियाला जेल के एक अधिकारी ने बताया कि लखवी से मिलने वालों को उसके निजी क्वार्टर में ले जाया जाता है जहां जेल अधिकारियों की निगाह नहीं रहती. मुंबई हमले की साजिश रचने के आरोपी लखवी को 18 दिसंबर, 2014 को एक आतंक रोधी अदालत ने जमानत दे दी थी. वह फिलहाल एक अफगान नागरिक को अगवा करने के आरोप में जेल में बंद है.