इस साल हज पर 1.75 लाख भारतीयों के जाने का बनेगा रिकॉर्ड, बगैर मेहरम जाएंगी 1308 महिलाएं, जानें क्या है ये 'मेहरम'
महिलाओं को लॉटरी सिस्टम से छूट दी गई है
मुंबई (आईएएनएस)। मुंबई में हज यात्रियों के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने इस बार देश से हज पर जा रहे लोगों की तारीफ की। उनका कहना था कि इस साल भारत से 1.75 लाख तीर्थयात्रियों का जाना एक बड़ा रिकॉर्ड है। आजादी के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि यह पहली बार है कि जब देश से पहली बार 1,308 महिलाएं बिना मेहरम के हज पर जाएंगी। बिना मेहरम यानी कि वे बिना किसी अभिवावक के हज पर जाएंगी। इन सभी महिलाओं को लॉटरी सिस्टम से छूट दी गई है। हज के दौरान महिलाओं की प्रकार की परेशानी न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा। उनका कहना था कि हज पर जा रही महिलाओं के सहयोग और उनके लिए सुविधाओं की निगरानी करने के मकसद से विशेष रूप से हज सहायकों की तैनाती की जाएगी। इस बार 3 लाख 55 हजार 604 आवेदन मिले
इस वर्ष देश की राजधानी दिल्ली से हज पर जाने के 19, 000 तीर्थयात्री शामिल हैं। लखनऊ से 14,500, मुंबई से 14,200, कोचीन से 11,700, कोलकाता से 11,610, श्रीनगर से 8,950, हैदराबाद से 7,600, अहमदाबाद से 6,700, बेंगलुरू से 5,550, जयपुर से 5,500, गया से 5,140 तीर्थयात्री हज पर जा रहे हैं। इसके अलावा चेन्नई से कुल 4,000 तीर्थयात्री, वाराणसी 3,250 से गुवाहाटी से 2,950, नागपुर से 2,800, रांची से 2,100, गोवा से 450, मंगलौर से 430, औरंगाबाद से 350 और भोपाल से 254 सऊदी अरब जाएंगे। इस वर्ष पिछले वर्ष के मुकाबले 57 करोड़ रुपये बचेकेंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि इस बार 3 लाख 55 हजार 604 आवेदन मिले थे। इसमें करीब 1 लाख 89 हजार 217 पुरुष तीर्थयात्री और 1 लाख 66 हजार 387 महिला आवेदक थीं। इस साल हज सब्सिडी खत्म होने के बाद 2018 में 1,28,002 हाजियों के लिए 973 करोड़ रुपये दिए जायेंगे। जबकि बीते साल करीब 124852 हाजियों के लिए 1030 करोड़ रुपये एयरलाइन्स कंपनियों को हवाई किराये के रूप में दिए गए थे। ऐसे में साफ है कि इस साल पिछले वर्ष के मुकाबले 57 करोड़ रुपये बचे हैं।