IPL में धोनी को लेवल 2 का पाया गया दोषी, जानें क्रिकेट में किस लेवल पर कितनी मिलती है सजा
कानपुर। इंडियन प्रीमियर लीग के 12वें सीजन का 25वां मैच काफी विवादित रहा। ये मैच चेन्नई सुपर किंग्स बनाम राजस्थान राॅयल्स के बीच खेला गया। धोनी की टीम चेन्नई ने इस मैच में चार विकेट से जीत दर्ज की। मगर मैदान में अंपायर के साथ लड़ाई करना धोनी को महंगा पड़ गया। दरअसल नो बाॅल को लेकर माही डग आउट से मैदान में अंपायर से बहस करने आ गए। जिसके चलते धोनी को कोड ऑफ कंडक्ट लेवल 2 का उल्लंघन करने पर दोषी पाया गया। माही को सजा के तौर पर उनकी 50 प्रतिशत मैच फीस काट ली गई। वैसे आपको बता दें धोनी पर दो मैच का बैन भी लग सकता था। आइए जानें क्रिकेट में किस लेवल पर क्या मिलती है सजा... लेवल 1 का अपराध
क्रिकेट में सबसे छोटी सजा लेवल 1 की होती है। इसमें क्रिकेटर कोई छोटी गलती करता है तो उस पर जुर्माना लगाया जाता है। लेवल 1 का दोषी पाए जाने पर खिलाड़ी की 50 प्रतिशत मैच फीस काट ली जाती है। हालांकि ये तब होता है जब उसने पहली बार कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन किया हो। दोबारा वही गलती दोहराने पर ये सजा पूरी मैच फीस काटने से लेकर दो मैच के बैन तक हो सकती है। इसके बाद कोई खिलाड़ी यही लगती दो बार दोहरा चुका होता है तो तीसरी बार उसे पर 2 से लेकर 8 मैचों तक का प्रतिबंध लग सकता है। वहीं तीन या उससे ज्यादा बार गलती करने पर खिलाड़ी को आठ मैच या फिर एक साल का सस्पेंशन झेलना पड़ सकता है।
लेवल 3 को काफी गंभीर माना जाता है। अगर किसी क्रिकेटर पर लेवल 3 का चार्ज लगा है तो समझिए उसने कोई बड़ी गलती की है। पहली बार इस लेवल पर दोषी पाए गए क्रिकेटर पर 4 से 8 मैचों का बैन लगाया जाता है। वहीं दूसरी बार यही गलती दोहराने पर एक साल तक का बैन लग सकता है। वहीं तीसरी बार लेवल 3 का दोषी पाए जाने पर मैच अफिशल क्रिकेटर पर एक साल से लेकर लाइटाइम बैन की सजा दे सकते हैं।IPL में जडेजा ने लेटकर मारा छक्का, धोनी भी रह गए देखतेIPL में गुस्साए धोनी, आउट होने के बाद दोबारा आए मैदान पर और लड़ बैठे अंपायर सेलेवल 4 का अपराधक्रिकेट जगत में लेवल 4 की सजा सबसे बड़ी होती है। लेवल 4 का दोषी पाया जाने वाला खिलाड़ी किसी बड़ी गलती का गुनहगार होता है। पहली बार लेवल 4 की गलती करने पर क्रिकेटर को आठ मैच के बैन से लेकर लाइफटाइम बैन तक की सजा मिल सकती है। वहीं दोबारा यही गलती दोहराने पर क्रिकेटर को एक साल से लेकर जिंदगीभर के लिए क्रिकेट से दूर रहने के लिए कहा जा सकता है।