एमएस धोनी बर्थडे : धोनी ने जब पहला वर्ल्डकप खेला तब कोहली अंडर-19 खेला करते थे
कानपुर। भारत के दाएं हाथ के बल्लेबाज एमएस धोनी का जन्म 7 जुलाई 1981 को रांची में हुआ था। बतौर विकेटकीपर भारतीय टीम में इंट्री करने वाले धोनी बहुत जल्द टीम इंडिया के कप्तान बन गए। अपनी कप्तानी में धोनी ने कई कारनामे किए। 2007 टी-20 वर्ल्डकप में जहां उन्होंने भारत को चैंपियन बनाया। वहीं 2011 में टीम इंडिया को दूसरी बार वर्ल्डकप जितवाया। बता दें माही भारत के लिए चार वर्ल्डकप खेल चुके हैं। क्रिकइन्फो पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, धोनी ने पहला विश्वकप 2007 में खेला था। ये वो समय था जब मौजूदा भारतीय कप्तान विराट कोहली अंडर-19 खेला करते थे।
साल 2004 में पहला इंटरनेशनल मैच खेलने वाले महेंद्र सिंह धोनी ने विश्वकप डेब्यू 2007 में किया। भारतीय क्रिकेट टीम के लिए 2007 वर्ल्ड कप किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा। ग्रुप स्टेज में भारत को बरमूडा, श्रीलंका और बांग्लादेश से भिड़ना था। अब इसे बदकिस्मती ही कहेंगे कि बरमूडा को छोड़कर बाकी दो टीमों के खिलाफ टीम इंडिया को करारी हार मिली। इसमें श्रीलंका से शिकस्त का उतना दुख नहीं हुअा जितना बांग्लादेश के हाथों हार से हुआ। बांग्लादेश ने भारत को पांच विकेट से शिकस्त देकर टूर्नामेंट से बाहर कर दिया था। तब भारतीय क्रिकेट सितारों की खूब अलोचना हुई थी। इनमें धोनी का नाम भी शामिल था, हालांकि माही को इस विश्वकप में ज्यादा बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला। तीन मैचों में धोनी ने सिर्फ 29 रन बनाए थे।
पहला वर्ल्डकप एमएस धोनी के लिए भले ही कड़वी यादें छोड़ गया था मगर 2011 विश्वकप के आते-आते माही ने अपनी आर्मी खड़ी कर दी। ये वो विश्वकप था जिसमें पहली बार धोनी ने कप्तानी की। उस वक्त धोनी का कद काफी बढ़ चुका था, वह वनडे क्रिकेट में अपनी सफलता के झंडे गाड़े जा रहे थे। अब बारी थी तो 2011 विश्वकप की, जिसका आयोजन भारत में हुआ। माही की कप्तानी ने भारत ने इस टूर्नामेंट का जीत के साथ आगाज किया। टीम इंडिया को ग्रुप बी में रखा गया जिसमें भारत के अलावा, साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड, वेस्टइंडीज, बांग्लादेश, आयरलैंड और नीदरलैंड की टीमें शामिल थीं। भारत ने अपने 6 मुकाबले में चार में जीत दर्ज की, वहीं एक में हार मिली तो एक मैच टाई रहा। ग्रुप स्टेज में 9 अंकों के साथ भारत दूसरे स्थान पर रहा। इसके बाद भारत ने क्वाॅर्टर फाइनल, सेमीफाइनल में जीत दर्ज करते हुए फाइनल में जगह बनाई। खिताबी मुकाबले में धोनी ने 91 रन की नाबाद पारी खेलकर भारत को जीत दिलाई और विश्वकप जीता। इस वर्ल्डकप में धोनी ने 9 मैच खेलकर 241 रन बनाए।
2015 वर्ल्डकप में भी एमएस धोनी ने टीम इंडिया की कमान संभाली थी। भारत ने ग्रुप स्टेज के सभी मुकाबले जीते। टीम इंडिया को ग्रुप बी में रखा गया जिसमें भारत के अलावा, साउथ अफ्रीका, पाकिस्तान, वेस्टइंडीज, आयरलैंड, जिंबाब्वे और यूएई की टीमें शामिल थीं। भारत ने अपने 6 मुकाबलों में सभी में जीत दर्ज की। ग्रुप स्टेज में टीम इंडिया 12 अंकों के साथ पहले स्थान पर रहा। 2015 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल मैच में भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीमें आमने-सामने थीं। सिडनी में खेले गए इस मैच में कंगारुओं ने पहले खेलते हुए 328 रन पर बनाए, जवाब में भारतीय टीम 233 रन पर सिमट गई। इसी के साथ ऑस्ट्रेलिया ने ये मुकाबला 95 रन से जीतकर फाइनल में इंट्री कर ली। बता दें पूरे टूर्नामेंट में भारत को हराने वाली इकलौती टीम ऑस्ट्रेलिया ही थी। इस वर्ल्डकप में भी धोनी ने 59.25 की औसत से 8 मैचों में 237 रन बनाए।
एमएस धोनी बर्थडे : बतौर गेंदबाज धोनी के नाम है एक विकेट, इस बल्लेबाज का किया था शिकारवर्ल्डकप में नहीं लगा पाए शतकवनडे क्रिकेट में 10 शतक लगा चुके एमएस धोनी वर्ल्डकप में कभी सेंचुरी नहीं लगा पाए हैं। विश्वकप इतिहास में धोनी का हाईएस्ट इंडिविजुअल स्कोर 91 रन है जोकि उन्होंने 2011 वर्ल्डकप फाइनल में खेला था।