Movie Review: 'उरी-द सर्जिकल स्ट्राइक' है राजी और बॉर्डर फिल्मों का लेटेस्ट संगम
कहानी
उरी सर्जिकल स्ट्राइक्स का नाटकीय फिल्मी रूपांतरण है ये फिल्म
रेटिंग : 3 STAR
समीक्षा
फिल्म राजी की 'सहमत' के पास एक मकसद था, देश के लिए एक मिशन था, इसी तरह उरी में विहान का भी वैसा ही मिशन है। सहमत को जासूसी करनी है और विहान को आतंकियों का सफाया। पर दोनों फिल्मों का ट्रीटमेंट बिलकुल अलग है, जहां एक ओर सत्य घटना पर आधारित राजी अच्छे तरीके से देशभक्ति को उभारती है, उरी उसे ट्रेडमार्क पेट्रियोटिक अंदाज में दिखाती है। बहुत शोर मचाती है और सेकेंड दर सेकेंड आपको चीख चीख कर याद दिलाती है कि आप एक पेट्रियोटिक फिल्म देख रहे हैं। जनता बहुत तेज हो गई है साहब, अब जब वो हॉल में घुसते हैं, वो ये जानते हैं कि अंदर वो क्या देखने वाले हैं। निर्देशक और राइटर आदित्य धर जनता को पैट्रिऑटिस्म का ओवरडोज दे देते हैं। स्क्रीनप्ले बहुत ही क्लीशेड है (हर वॉर फिल्म की तरह), और डायलॉग तो बिलकुल जेपी दत्ता की बॉर्डर से रीसायकल किये गए हैं, ऐसा मुझे साफ दिखाई दिया।
क्या क्या आया पसंद
फिल्म की सिनेमेटोग्राफी बहुत ही अच्छी है। अँधेरे में भी वॉर सीन्स बहुत बढ़िया तरीके से पिक्चराइज किए गए हैं। फिल्म का आर्ट डायरेक्शन और कॉस्ट्यूम भी ऑन पॉइंट है। अगर नेशनलिस्म ओवरडोज को हटा कर फिल्म देखें तो डायरेक्शन भी बढ़िया है। फिल्म की एक्शन कोरियोग्राफी भी शानदार है।
अदाकारी
विक्की कौशल बहुत ही कम्पीटेंट एक्टर हैं। कहना गलत नहीं होगा कि वही हैं जो इस लाउड स्क्रीनप्ले को अपनी बढ़िया अदाकारी से बैलेंस करते रहते हैं। उनकी शिद्दत साफ दिखती है और इस फिल्म को देखने के बाद आप को वही याद भी रहते हैं। परेश रावल, मोहित रैना और स्वरुप सम्पत अपने अपने रोल्स को बखूबी निभाते हैं। फिल्म में यामी गौतम और कीर्ति कुलहरि भी हैं (क्योंकि फिल्म किसी भी बारे में हो, जरुरत हो या न हो हिरोइन तो मांगता ही है?)
Time to witness @vickykaushal09, @yamigautam and @SirPareshrawal spellbinding us with their performances in #UriSurgicalStrike making it one of January 2019’s eagerly awaited releases !@RonnieScrewvala @rsvpmovies https://t.co/P6NLkHsDjo— SANJAY BAFNA (@sanjaybafna)
वर्डिक्ट
कुल मिलाकर इस फिल्म को अगर मैं दो शब्दों में डिफाइन करूँ तो ये 'हॉलीवुडीश बॉर्डर', कहने का मतलब ये दिल से तो बॉर्डर है और् ट्रीटमेंट हॉलीवुड जैसा है। न तो ये राजी की तरह परफेक्ट है, न ही बॉर्डर की तरह इम्पैक्टफूल, न ही ये लक्ष्य की तरह सैटल है और न ही हकीकत की तरह इमोशनल। राइटिंग भी क्लीशेड है और इस फिल्म से भी कहीं कहीं प्रोपैगैंडा की बू आती है, इन सब के बावजूद विक्की के जबरदस्त परफॉरर्मेंस के लिए और देश के महान सैनिकों की वीरता की कहानी देखने का मन हो तो इस हफ्ते एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर को किनारे रख के देख सकते हैं 'उरी'।
Review by : Yohaann Bhaargava
Twitter : @yohaannn