प्रभुदेवा निर्देशित 'सिंह इज ब्लिंग' का नायक रफ्तार सिंह इतना सरल और बुद्धू है कि उसकी सामान्‍य हरकतों पर भी हंसी आती है। काम को अधूरा छोड़ना या काम पूरा करने में गलतियां करना उसकी आदत है। परिवार में सबसे छोटा और मां का दुलारा रफ्तार सिंह उम्र बढ़ने के बावजूद बड़ा नहीं हो पाया है। उसके व्‍यवहार और प्रतिक्रियाओं में बचपना है। अपनी इस मासूमियत की वजह से ही वह प्‍यारा भी लगता है। अपने भोलेपन में ही वह साहसी और ताकतवर भी है। वह सरदार है। सवा लाख से एक लड़ाऊं जैसी उक्ति पर अमल करता है। मूल्‍यों और पगड़ी की बात आने पर वह किसी से भी टकरा सकता है।

अक्षय कुमार की कॉमेडी
सिंह इज ब्लिंग पूरी तरह से अक्षय कुमार की फिल्‍म है। निर्देशक प्रभुदेवा ने उनकी कॉमिक टाइमिंग और मसखरे अंदाज को अच्‍छी तरह पेश किया है। फिल्‍म में जब तक असंगत और अतार्किक दूश्‍य चलते हैं,जब तक फिल्‍म रोचक लगती है। फिल्‍म इमोशनल और तार्किक होने की कोशिश में विफल हो जाती है। सिंह इज ब्लिंग में नायिका एमी जैक्‍सन को भरपूर एक्‍शन दृश्‍य मिले हैं। वह उन सीन में फबती भी हैं। अक्षय कुमार की कॉमेडी और एमी जैक्‍सन के एक्‍शन के लिए भी यह फिल्‍म देखी जा सकती है। इन दोनों के अलावा केके मेनन की अदाकारी है। बाकी कलाकारों ने भी अपनी भूमिकाओं के अनुसार योगदान किया है।

Singh Is Bliing
Director:Prabu deva
Cast: Akshay Kumar,Amy Jackson,lara dutta,sunny leon,kk meman,


ए‍ब्‍सर्डिटी में ही हंसी पैदा

रफ्तार सिंह जैसी भूमिकाओं में अक्षय कुमार का निखार अलग से दिखता है। कुछ कलाकार खास भूमिकाओं में रमते और जमते हैं। अक्षय कुमार की उन खूबियों को निर्देश ने समझा और उनका इस्‍तेमाल किया है। यह फिल्‍म हंसने-हंसाने और दर्शकों को आनंदित करने के उद्देश्‍य से रची गई है। सिंह के पिंजड़े से निकलने और फिर पकड़ में आने के दृश्‍य में बालसुलभ स्‍वाभाविकता है। सिंह इज ब्लिंग में ऐसे अनेक दृश्‍य हैं,जिनमें कोई लॉजिक नहीं दिखता। वे एब्‍सर्ड लगते हैं। अपनी ए‍ब्‍सर्डिटी में ही वे हंसी पैदा करते हें। लारा दत्‍ता ने ऐसा ही एक एब्‍सर्ड किरदार निभाया है। इस किरदार को उन्‍होंने जरूरत के मुताबिक हास्‍यास्‍पद बनाया है। रफ्तार सिंह के दोनों दोस्‍त भी दी गई भूमिकाओं का संगत निर्वाह करते हैं।
रंगीन और चकमदार दृश्‍य
ऐसी फिल्‍मों में हिंदी फिल्‍मों में देखे-दिखाए जा चुके दृश्‍यों और प्रसंगों की पुनरावृति होती है। कलाकारद और निर्देशकों की संगति और समझ से उसमें नवीनता आती है। च्सिंह इज ब्लिंगज् में वैसे दृश्‍यों को रंगीन और चकमदार बना दिया गया है। भाषा न समझने से हुई गलतफहमी और नासमझी भी हंसी का कारण बनती है। अक्षय कुमार रफ्तार सिंह के किरदार में सचमुच नासमझ और जाहिल से दिखते हैं। उनकी मासूम हंसी और स्‍वैगर चाल में पंजाब का देसीपन है। इस फिल्‍म में वे उनका इस्‍तेमाल भी करते हैं।
Review by: Ajay Brahmatmaj
abrahmatmaj@mbi.jagran.com

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Posted By: Shweta Mishra