मुश्‍किल काम है एक रीसेंट और ट्रू स्‍टोरी पर फिल्‍म बनाना और वो भी पूरे कंविक्‍शन के साथ लेकिन डायरेक्‍टर हंसल मेहता सचमुच बधाई के पात्र हैं जिन्‍होंने ऐसा सेंसटिव इश्‍यू पर फिल्‍म बनाई और बेहद क्रूड होने के बावजूद उसे इतने सेंसटिव तरीके से प्रेजेंट करने में सक्‍सेज भी हासिल की.

1992 के राइट्स के बाद कई दूसरे यंगस्टर्स की तरह शाहिद आजमी (राजकुमार यादव) भी मुंबई छोड़ कर कश्मीर जाता है और वहां एक टेरेरिस्ट ग्रुप ज्वाइन कर लेता है. शाहिद जल्दी ही घर वापस आ जाता है क्योंकी उसे समझ आ जाता है की ये काम ना वो करना चाहता है ना ही कर सकता है. वापसी के बाद उसे पुलिस काफी हैरेस और टार्चर करती है लेकिन सात साल दिल्ली के तिहाड़ जेल में बिताने के बाद फाइनली उसे आजादी मिल जाती हैं क्योंकी उसके ऊपर कोई भी ऐसा एलिगेशन प्रूव नहीं होता जो उसके किसी टेरेरिस्ट एक्टिविटी में शामिल होने की साइड में इशारा करता हो.
बाहर आने के बाद तो जेल में बंद इनोसेंट लोगों को जस्टिस दिलाना ही शाहिद का मिशन बन जाता है, लेकिन उनके लिए लॉयर अरेंज करने के लिए उसके पास सफीशियेंट मनी नहीं है. फाइनली शाहिद खुद लॉ की स्टडी करता है और छोटे छोटे केसेस के साथ अपनी प्रैक्टिस स्टार्ट कर देता है. इसी दौरान उसे अपनी एक क्लाइंट मरियम (प्रभलीन संधू) से प्यार हो जाता है जो एक डाइर्वोसी है. और फिर एक दिन शाहिद आजमी को उसके ही ऑफिस में गोली मार दी जाती है.
ये कहानी हृयूमन राइट एक्टिविस्ट और लॉयर शाहिद आजमी की लाइफ पर बेस्ड है जिसे 2010 में उनके ही ऑफिस में गोली मार कर मर्डर कर दिया गया था. इस कहानी को एज फिल्म हंसल मेहता ने एडैप्ट और डायरेक्ट किया है. उनका डायरेक्शन कमाल का है एक एक शॉट इतना खूबसूरत और इंप्रेसिव है की आप इस फिल्म से प्यार कर बैठते हैं. फिल्म की स्टोरी पर हंसल का बिलीव और उसका सिनेमेटिक प्रेजेंटेशन इस बात का प्रूफ है की उनकी डायरेक्शनल एबिलिटी बिलकुल भी क्वेश्चनेबल नहीं है.


 दूसरा सबसे इंर्पोटेंट और इंप्रेसिव रोल है फिल्म के हीरो राजकुमार यादव का जिनका अपने करेक्टर और डायरेक्टर पर पूरा फेथ हर सीन में दिखाई देता है. उनके सीरियस एक्सप्रेशन और फिल्म के बेहद सीरियस मूड के बावजूद कोर्ट सींस में हृयूमर का टच एक्सक्लूसिव है. बाकी सारे एक्टर्स ने अपने रोल्स जस्टीफाई किए हैं लेकिन राजकुमार का एक्सीलेंस हर बाउंड्री के पार निकल गया है और यही वजह है की बाकी लोग उनकी शेडो बन कर रह गए हैं. फिल्म कैसा बिजनेस करेगी ये लोगों पर डिपेंड करता है पर एक अच्छी और सेसेटिव मूवी देखने की चाह रखने वाले लोगों के लिए शाहिद अल्टीमेट च्वॉइस है और आउट ऑफ द वर्ल्ड एक्सपीयरेंस भी.      
Director: Hansal Mehta

Cast: Raj Kumar Yadav, Mohammed Zeeshan Ayyub, Tigmanshu Dhulia, K K Menon, Prabal Panjabi,
Prabhleen Sandhu

Posted By: Kushal Mishra