शाहरुख खान स्‍टारर फिल्‍म 'रईस' उन दर्शकों को पसंद आएगी जो सिर्फ शाहरुख के डाई-हार्ड फैन होंगे। फिल्‍म को पसंद करने के लिए एक भी वजह सामने नहीं आती। फिल्‍म की कहानी काफी थकी हुई है और शाहरुख की एक्‍टिंग वास्‍तव की याद दिलाती है।

तीन दशक पुरानी कहानी देखने के बाद आपके पास कहने-सुनने को कुछ नहीं बचता। 70 के दशक की कहानी लेकर आई फिल्म रईस एक गुजराती स्मगलर के इर्द-गिर्द घूमती है। रईस भाई जिन्हें पूरा गुजरात रॉबिनहुड मानता है, लेकिन पुलिस की नजर में यह रईस एक अपराधी है। पूरी फिल्म में आपको बस चोर-पुलिस का खेल दिखाई देगा और अंत वहीं पुराने जमाने के स्टाईल में हुआ। रईस के स्टंट देखकर आपको इंडियॉज गॉट टैलेंट के प्रतिभागी याद आ जाएंगे, जो अपने मूव्स से दर्शकों से बस ताली बजवाते हैं।
Raees'
U/A; Action/Crime/Drama
Director: Rahul Dholakia
Cast: Shah Rukh Khan, Mahira Khan, Nawazuddin Siddiqui
एक्टिंग की बात करें तो शाहरुख ने अपने स्टाईल से अलग हटकर वास्तव के संजय दत्त की नकल उतारी है। बस फर्क इतना है वास्तव में संजय 50 तोला की चेन पहने थे, जबकि रईस गोल्ड का चश्मा लगाते हैं। अब समझ नहीं आता यह पहले से तय था कि शूटिंग के दौरान शाहरुख गैंगस्टर के अंदर कुछ ज्यादा ही समा गए। खैर यह सब देखकर रोमांच कम हंसी ज्यादा आती है। नवाजुद्दीन की बात करें तो उन्होंने अच्छी एक्टिंग की है। सही बात कहें तो नवाज के दम पर फिल्म में कुछ जान आती है। माहिरा को बस जगह भरने के लिए रखा गया है, उनकी ज्यादा जरूरत नहीं थी।

 


फिल्म देखने क्यों जाएं, इसकी कोई ठोस वजह नहीं मिलती। फिल्म में न तो कोई मोटिव है और न ही मोटिवेशनल। वहीं मनोरंजन की बात करें तो यह काफी निम्न दर्जे का है। और रही बात गानों की, तो यह बेवजह और बेवक्त दिखाई पड़ जाएंगे। सही मायनों में देखा जाए तो गानों को वहां रखना चाहिए जहां फिल्म की कहानी नीचे गिरती दिखती है। फिल्म के अंत में जो मैसेज आता है, वह भी बेतुका लगता है। आप सोशल वर्क करते हैं तो अपराध करना जायज है, यह बात समझ नहीं आती।
Review by : Yohaann Bhaargava
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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari