Movie review: इन 4 कारणों से देखी जा सकती है रियल लाइफ से जोड़ती फिल्म तितली
कामयाब होने की कोशिशफिल्म तितली की कहानी है दिल्ली के एक लूटेरे परिवार की है। इस परिवार के मुखिया डैडी (ललित बहल) हैं। इनके तीन बेटे विक्रम (रणवीर शौरी), बावला (अमित सयाल) और तितली (शशांक अरोड़ा) हैं। ये पूरा परिवार लूटमार का बिजनेस करता है। यह बिजनेस इनके घर से ही चलाया जाता है। इस बिजनेस को घर के दोनों बड़े भाई विक्रम और प्रदीप आगे बढ़ाते हैं, लेकिन सबसे छोटे तितली का इस काम में मन नहीं लगता। वो यह सबकुछ छोड़-छाड़ के आगे बढ़ जाना चाहता है। इसी बीच तितली की शादी होने को है और उसकी शादी के साथ आते हैं लेकिन तितली अपने मकसद में कामयाब होने की कोशिश में जुटा रहता है। वह खुली हवा में सांस लेना चाहता है।Movie: TitliDirector: Kanu BehlCast: Ranveer Sheorey, Amit Sial, Shashank Arora, Shivani Raghuvanshi
हां फिल्म में इस जगह यह चेतावनी दी जाती है कि ये ही फिल्म का सबसे महत्वपूर्ण भाग है। इस दौरान हो सकता आपको थोड़ी उलझन सी फील हो क्योंकि तितली की हालत होती ही कुछ ऐसी। आपको कुर्सी छोड़ने का जब तक लाचारी भरा अहसास होगा तब तक फिल्म खात्मे की ओर बढ़ जाएगी। फिल्म के यहीं सारे सीन आंखों के सामने बदल बदल कर आते रहेंगे। स्क्रीन पर उसके भाग्य को खुलता दिखेगा। जो दिल को छू लेने वाला है।सीन उम्मीदों को बांधे रहते इस फिल्म की सबसे मुख्य वजह इसमें दिखाए गए अजीब उलटा रास्ते, कठोर वास्तविकता आदि हैं जो इसे दूर तक ले जाते है। इसके सीन एक दर्पण की तरह साफ है। इनमें कुछ भी फिल्टर नहीं किया गया है। शुरू से लेकर अंत तक इसके ऐसे में सीन उम्मीदों को बांधे रहते हैं। इस दौरान यह भी चीज गंभीरता से दिखाई गई है कि कैसे इन स्थितियों में तितली अपनी पत्नी नीलू (शिवानी रघुवंशी) को समझाने का प्रयास करता है। उसे अपनी पत्नी के सपनों का जब अहसास होता है कि उसके भी सपने कुछ अलग किस्म के हैं। जिससे उसे नीलू के सपनों से काफी हिम्मत मिलती है और फिर ये दोनों एक डील के तहत घर के बिजनेस से बाहर निकलने की कोशिश में लग जाते हैं।हर कॉलम में फिटनेस दिखी
इस फिल्म में रनवीर शौरी अपने रोल में बिल्कुल फिट बैठे हैं। उनके एक्सप्रेशन काफी अचछे हैं। वहीं शशांक अरोड़ा शिवानी रघुवंशी ने भी काफी शानदार काम किया। उनकी भी एक्िटंग फिल्म में बिल्कुल रिएलिटी की ओर इशारा कर रही है। इसके अलावा शरद कठारिया और कनू बहल का निर्देशन भी काफी अच्छा रहा। इसके अलावा नम्रता राव की एडिटिंग भी काफी तारीफ वाली है। उन्होंने नहीं कोई समझौता नहीं किया है।
Review by : Shubha Shetty Sahashubha.shetty@mid-day.cominextlive from Bollywood News Desk