मूवी की शुरुआत होती है बैकग्राउंड में हिमेश रेशमिया के एक बेहतरीन गाने के साथ। इस गाने को कम्‍पोज़ किया है खुद हिमेश रेशमिया ने। लंबे अर्से बाद एक बार फिर आप इस म्‍यूजीशियन को देखेंगे नए अवतार में कैमरे के सामने तो कुछ अलग जरूर लगेगा। इस नए अवतार में हिमेश जबरदस्‍त मसल्‍स के साथ आए हैं आपके सामने जिसे एक बारगी तो आप भी देखते रह जाएंगे। उनको इस अंदाज में देखकर आप इन्‍हें इनकी म्‍यूजीशियन इमेज से नहीं जोड़ पाएंगे।

ऐसी है फिल्‍म की कहानी
बात करें फिल्‍म की कहानी की तो शुरुआत करते हैं फिल्‍म के एक्‍टर हिमेश रेशमिया से। हिमेश फिल्‍म में एक बंदूकधारी बदमाश की भूमिका निभा रहे हैं, जिन्‍हें प्‍यार है एक लड़की तारा (फराह करीमी) से। तारा इनके बचपन का प्‍यार है, लेकिन किसी कारण्‍ावश तारा को अपने प्‍यार को छोड़कर डबलिन जाना पड़ जाता है। यहां वो फंस जाती है ड्रग स्‍मगलिंग के चक्‍कर में, जो इन्‍होंने की ही नहीं और इसके चलते पहुंच जाती हैं जेल। अब यहां हिमेश फैसला करते हैं अपने प्‍यार को इस दलदल से निकालकर बाहर लाने की। इसमें वह मदद लेते हैं सैंटीनो आका बर्ड (नसीरुद्दीन शाह) की।
Teraa Surroor
U/A; Romance-thriller
Director: Shawn Arranha
Cast: Himesh Reshammiya, Farah Karimaee, Naseeruddin Shah, Shekhar Kapur, Kabir Bedi


फिल्‍म की स्‍क्रिप्‍ट

फिल्‍म की स्‍क्रिप्‍ट अच्‍छी है, लेकिन कई जगह टूटी और अपरिपक्‍व सी लगती है। वैसे फिल्‍म से अपने निर्देशन कॅरियर की शुरुआत करने वाले निर्देशक शॉन अरान्‍हा की हॉलीवुड थ्रिलर स्‍टाइल को प्रस्‍तुत करने की कोशिश अच्‍छी रही। कैमरा और ऐंगल के फ्रेम से ये कोशिश काफी हद तक कामयाब होती है, लेकिन हर स्‍तर पर नहीं। कुल मिलाकर थ्रिलर परोसने के चक्‍कर में वह अनजाने में ही लोगों का मनोरंजन कर जाते हैं।

डायलॉग्‍स और किरदार नहीं खाते मेल
फिल्‍म में हिमेश के बोले गए डायलॉग्‍स काफी हद तक इम्‍प्रेसिव लगते हैं, लेकिन कुछ अजीब भी लग जाते हैं। वैसे डायलॉग डिलीवरी को लेकर भी उनमें काफी बदलाव नजर आए हैं। कई लाइनों में अटूट देशभक्‍ित की भावना भी झलकती है। फिल्‍म से अपने एक्‍टिंग कॅरियर की शुरुआत करने वालीं एक्‍ट्रेस करीमी, नरगिस फाखरी और कटरीना कैफ का मिक्‍सचर लग रही हैं। एक्‍सप्रेशंस के मामले में भी इन्‍होंने काफी अच्‍छा काम किया है।
ये नहीं फिट बैठते यहां
बता करें फिल्‍म में नसीरुद्दीन शाह की, तो कई जगह वह फिल्‍म से मैच ही नहीं करते। इसके इतर फिल्‍म मेकर शेखर कपूर भी कई जगह नजर आ जाते हैं। वहीं शेखर कपूर जैसी चार्मिंग पर्सनालिटी पर संवदेनशील सीन्‍स कुछ अटपटे से लगते हैं। कुल मिलाकर किरदारों का समन्‍वय कुछ हद तक अटपटा नजर आता है।
Review by : Shubha Shetty Saha
shubha.shetty@mid-day.com

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