Movie review: अतीत के बोझ से बच कर वास्तविक लगती है घायल वंस अगेन
सनी का ढाई किलो का हाथ अब भी पावरफुल
फिल्म की पहली खासियत तो यही है कि बेशक ये अवॉर्ड विनिंग फिल्म का सीक्वल है पर अतीत में दब कर नहीं रह गयी बल्कि वर्तमान दौर के साथ साथ चलता है। दोनों फिल्मों एक ही बात कॉमन है सनी देयोल का ढाई किलो का हाथ जो अब भी उतना ही प्रभावशाली लगता है। और अन्याय और शोषण करने वालों को अब भी धूल चटा सकने की ताकत रखता है।
Movie: Ghayal once again
Director: Sunny Deol
Cast: Sunny Deol, Om Puri, Shivam Patil, Aanchal Munjal, Soha Ali Khan
अतीत से जोड़ने वाले तार बेहद मजबूत हैं
सजा काट कर लौटा अजय मेहरा (सनी देओल), जो अब एक अधेड़ उम्रग का इंसान है, अपने अतीत की यादों से कभी कभी बेहद विचलित हो जाता है और तब उसे सामान्य होने में मदद करती है उसकी डाक्टर (सोहा अली खान)। अजय के दौर का एसीपी जो डिसूजा (ओम पूरी) भी फिल्म में है और अब रिटायर हो चुका है और एक आरटीआई एक्टिविस्ट बन चुका है। एक बार फिर अजय सच और इंसाफ की लड़ाई में उलझ जाता है जब एक प्रभावशाली बिजनेसमैन राज बंसल (नरेंद्र झा) का बेटा एक एक्सीडेंट करके एक आदमी को मार डालता है और उसके गवाह बन जाते हैं चार युवा (शिवम पाटिल, आंचल मुजाल, ऋषभ अरोरा और डिआना खान)। बंसल इनके खून का प्यासा है और अजय इन्हें हर कीमत पर बचाना चाहता है।
कसी कहानी और सधा निर्देशन
हालाकि फिल्म शुरुआत धीमी गति से करती है पर जल्दी ही पेस ले लेती है और उसके बाद हर ट्विस्ट और टर्न पर आप झटके तो खाते हैं पर फिल्म से बंधे रहते हैं जो आपको सीट छोड़ने नहीं देते। कहानी आज के दौर का आइना है और सनी ने मुबई की रीयल लोकेशन पर शूट करके इसे और प्रभावपूर्ण बना दिया है। बिना शक सनी का निर्देशन पूरी फिल्म पर अपनी पकड़ बनाये हुए है। एक्शन सीक्वेंस कमाल के हैं। भले ही आप सनी देओल फैन ना हों तो भी फिल्म के एक्शन सीन और विश्वसनीय प्रभाव के लिए इसे एक बार देखना बनता है।
Review by : Shubha Shetty Saha
shubha.shetty@mid-day.com