इस फिल्‍म को बनाने का इरादा कुछ-कुछ स्‍कूल टीचर्स की दुर्दशा को सामने लाने का लगता है। फिल्‍म कई उचित मुद्दों को सामने लाती है शिक्षण प्रणाली को विकसित करना स्‍कूलों का तेजी से व्‍यवसायीकरण और अन्‍य शैक्षिक संस्‍थान। कुल मिलाकर इरादे कभी काफी नहीं पड़ते। दुर्भाग्‍यवश चॉक एंड डस्‍टर के साथ जब फिल्‍म की कहानी और स्‍क्रिप्‍ट हाईयर सेकेंड्री स्‍कूल से ताल्‍लुक रखती है तो उसका स्‍तर खुद एक किंडरगार्टन स्‍टैंडर्ड से ऊपर नहीं उठता। एक बेहद संवेदनशील मुद्दे को काफी फूहड़ ढंग से उठाया है निर्देशक जयंत गिलटर ने।

ऐसी है कहानी
फिल्‍म में विद्या सावंत (शबाना आजमी) और ज्‍योति (जूही चावला) लंदन से MBA आर्या बब्‍बर के स्‍कूल में गणित और विज्ञान की टीचर्स हैं। आर्या बब्‍बर जल्‍द ही स्‍कूल की सुपरवाइज़र दिव्‍या दत्‍ता के बिछाए जाल में फंस जाते हैं और उनको स्‍कूल की प्रिंसिपल बना देते हैं। सुपरवाइज़र से अचानक पावर में आने के बाद दिव्‍या स्‍कूल के स्‍टेटस को ग्‍लैमराइज़ करने में लग जाती हैं। इसकी शुरुआत वो करती हैं स्‍कूल में टीचर्स को प्रताड़ित करके। मसलन उनसे बुनियादी सुविधाओं को छीनकर। क्‍लासरूम्‍स से उनकी कुर्सी हटाकर और कैंटीन में फ्री चाय के सिस्‍टम को खत्‍म करके। इस क्रम में वह सबसे पहले निशाना बनाती है उम्रदराज टीचर्स को, इस उम्‍मींद के साथ कि वो उनके सिस्‍टम से परेशान होकर खुद ही स्‍कूल को छोड़कर चली जाएं।
Movie : Chalk and duster
Director : Jayant Gilatar
Cast :  Juhi Chawla, Shabana Azmi, Zarina Wahab, Divya Dutta, Upasna Singh


निर्देशन में भी है कमी
फिल्‍म का निर्देशन कई जगह पर काफी कमजोर सा दिखा है। कई जगह पर तो कुछ सीन्‍स का कोई सेंस ही समझ में नहीं आता। फिल्‍म में शबाना आजमी और गिरिश करनाड जैसे टैलेंटेड एक्‍टर्स भी हैं। फिल्‍म में इनके टैंलेंट को बेवकूफी के चरम तक ले जाते हुए दिखाया जाता है। निर्देशक का उद्देश्‍य सिर्फ दशकों से इन मुद्दों का सामना कर रहे शिक्षकों की समस्‍याओं को सामने लाना है, जो अपने आप में प्रशंसनीय है। इसके बावजूद आखिर में कहना पड़ेगा कि इस तरह के मुद्दों को समझाने के लिए और ज्‍यादा गहराई में उतरने की जरूरत है।
Review by : Shubha Shetty Saha
shubha.shetty@mid-day.com

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