Movie review: Entertainment चाहिए तो 'Entertainment' देखिए
यह कहानी है अखिल लोखंडे (अक्षय कुमार) की जो अपने फादर के ट्रीटमेंट के लिए जी जान से कोशिश कर रहा है, लेकिन सच ये है कि उसके फादर एक लेजी और कामचोर पर्सन हैं जो बीमार होने का ड्रामा करके ऐश कर रहे हैं. एक दिन अखिल उन्हें ये बातें अपनी नर्स को बताते हुए सुन लेता है उसी टाइम उसे ये भी पता चलता है कि एक्च्युली वो उसके फादर हैं ही नहीं वो तो एक ट्रेन एक्सीडेंट में बड़े कंप्नशेसन के लालच में उसे उठा लाए थे. कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब अखिल को पता लगता है कि उसके असली फादर तो रिच डायमेंड मर्चेंट पन्नालाल जौहरी हैं, लेकिन ये बात जब वो अपने फ्रेंड कृष्णा (कृष्णा अभिषेक) से शेयर करता है तो पता चलता है कि पन्नालाल जौहरी की तो डेथ हो गई है. Producer: Ramesh S Taurani, Jayantilal Gada
Director: Sajid, Farhad
Cast: Akshay Kumar, Tamannaah Bhatia, Krishna Abhishek, Johny Lever, Prakash Raj, Sonu Sood, Mithun ChakrabortyRating: 3/5 star
वैसे तो अखिल अपने ओरिजनल फादर से हेट करता है क्योंकि उन्हों ने उसकी मां को डिच किया था लेकिन प्रॉपर्टी के लालच में वो उनकी फ्यूनरल में काफी रोने धोने का ड्रामा करता है. अखिल के रिच होने की बात जब उसकी गर्लफ्रेंड साक्षी (तमन्ना भाटिया)के फादर (मिथुन चक्रवर्ती) को पता चलती है तो वो उसे अपना सन इन लॉ मानने का नाटक करके प्यार जताने लगते हैं. दूसरी साइड में अखिल को पता चलता है कि उसका बाप पन्नालाल अपनी सारी प्रॉपर्टी अपने लॉयल डॉग एंटरटेनमेंट के नाम कर गया है जिसकी देखभाल जॉनी (जॉनी लीवर) करता है. अब अखिल किसी तरह से इस डॉग को अपने रास्ते से हटाना चाहता है.
जब अखिल को पता लगता है कि उसके फादर के दो भाई करण-अर्जुन (सोनू सूद और प्रकाश राज) भी इस प्रॉपर्टी पर अपना हक जमाने आ रहे हैं तो वो एंटरटेनमेंट को रास्ते से हटाने के लिए उनकी हेल्प लेना चाहता है. लेकिन वो दोनों जानते हैं कि एक डॉग की लाइफ 12 साल से ज्यादा की नहीं होती है इसलिए वे अखिल को खत्म करने की प्लानिंग करते हैं, लेकिन एंटरटेनमेंट उसे बचा लेता है. तब अखिल को ये समझ आता है कि एनिमल इंसान से ज्यादा लॉयल होते हैं. वो एंटरटेनमेंट को अपना फ्रेड बना लेता है और करण अजुर्न को सही रास्ते पर लाता है. एंटरटेनमेंट बहुत देर तक अखिल का साथ नहीं दे पाता पर जाने से पहले ये सिखा जाता है कि लाइफ में वैल्यूज के क्या मतलब है और खुशी पैसों में नहीं अपनों के प्यार में होती है.
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