Movie Review: Hate Story
बहरहाल सबसे बडी शिकायत यह है कि कुछ रीलों के बाद ही कहानी इतनी प्रेडिक्टेफबल हो जाती है कि आगे क्याा होने वाला है आसानी से गेस किया जा सकता है. काव्यात के किरदार में बंगाली एक्ट्रेस पाओली डैम सिद्धार्थ बने गुलशन देवैया से बदला लेनी चाहती है. बदला लेने के लिए वह दुनिया के सबसे पुराने पेशे में खुद उतर जाती है.
इस पेशे में खुद को ट्रेन करने के लिए वह सिटी की टॉप वुमेन को हायर करती है. जितनी आसानी से वह कपडे उतारती है उतनी ही आसानी से कंपनी की बैलेंस शीट भी एनालाइज करती है.
लोग जिनमें बिजनेसमैन और पॉलिटिशियन शामिल हैं न जाने कैसे इतनी आसानी से उसके जाल में फंसते चले जाते हैं. जितना वक्ते आपके पांच गिनने में लगेगा उससे कम समय में ही वह उसके साथ कंप्रोमाइज के लिए तैयार होते हैं. बरसते पानी से लेकर गुलाब की पंखुरियों से भरे बाथटब और काउच पर कई सारे इंटीमेट सीन हैं.
अपनी पहली बॉलीवुड फिल्म में पाओली पहले आई बी टाउन की बंगाली बालाओं तनुश्री दत्ता और कोएना मित्रा का मिलाजुला रूप नजर आती हैं. कैमरे के सामने कपडों के साथ या उनके बिना वह बेहद कंफर्टेबल दिखती है.
उसके दोस्तह की भूमिका में निखिल द्विवेदी के पास एक किनारे से काव्याा के बदले को देखने या पौधों की पत्तियों की कांट छांट के अलावा ज्यादा काम नहीं नजर आता है.
चॉकलेट और गोल जैसी फिल्में बना चुके विवेक अग्निहोत्री बेहतर प्रोडक्शरन के बावजूद अच्छीब स्क्रिप्ट के अभाव में लाचार नजर आते हैं.