'चश्मेबद्दूर' को देखने की आपके पास दो वजह हैं एक तो ये कि फिल्म 1981 में आयी इसी नाम की हिट कामेडी का रीमेक है और दूसरे इसे डेविड धवन ने बनाया है.


हांलाकि यह सच है कि फिल्म की कहानी बेशक पुरानी 'चश्मेबद्दूर' से ली गयी है लेकिन स्टाइल बिलकुल डिफरेंट है. तीन दोस्तों की ये कहानी पूरी तरह जेन नेक्स्ट के लाइफ स्टाइल को डिस्क्राइब करती है. साथ ही डेविड धवन ब्रांड कॉमेडी के तड़के ने इसे और भी इंटटेनिंग बना दिया है.


तीन फ्रेंड सिड (अली जफर), जय(सिद्धार्थ) और ओमी(दिव्येंदू शर्मा) गोवा में एक साथ रहते हैं, जिनमें ओमी और जय टॉप क्लास वोमिनाइजर हैं लेकिन सिड एक सीधा साधा लड़का है जो इन शरारतों से दूर रहता है. टिविस्ट तो तब आता है जब सिड की मासूमियत से सीमा(तापसी पन्नू) को प्यार हो जाता है. सीमा वही लड़की है जिसको जय और ओमी लंबे टाइम से इंप्रेस करना चाहते थे. यहीं से स्टार्ट होती हैं फ्रेंडस के बीच दुश्मनी, जैलसी और षड़यंत्रों की कहानी. इसी के साथ कॉमेडी का ब्लास्ट होता है जो आखिर तक आपसे संभाले नहीं संभलता.

नयी 'चश्मेबद्दूर' पुरानी फिल्म से आगे की कहानी है, इसकी कॉमेडी, प्रैंक्स और सिचुएशनंस आज के दौर का आइना हैं. पिछली फिल्म अगर सादगी से भरपूर थी तो इस फिल्म में डबल मीनिंग डायलॉग्स की भरमार है. किसी गलत टर्म में ना लिया जाए पर ये फिल्म आज की जनरेशन की लेंग्वेज में ही बनायी गयी है. डेविड धवन का डायरेक्शन हमेशा की तरह सुपर्ब है उन्हें इस जॉनर की फिल्में बनाने में एक्सपर्टीज हांसिल है और वो फिल्म में साफ दिखाई दी है. फिल्म का सांग 'हर एक फ्रेंड' पहले ही हिट हो चुका है. बाकि भी कुछ इसी तरह के मूड के गाने हैं. ओवर ऑल म्यूजिक फिल्म में रुकावट भी नहीं डालता और कुछ खास एड भी नहीं करता. अली जफर बहुत इंप्रेसिव नहीं लगे हैं लेकिन स्टोरी के हिसाब से ठीक एक्टिंग कर गए हैं. सिद्धार्थ और दिव्येंदू ने अपना पार्ट ठीक से प्ले किया है. तापसी अच्छी लगी हैं. कुल मिला कर अगर आप हंसने के लिए कहानी की तलाश में हैं तो यह फिल्म सही च्वाइस साबित होगी.  Director: David DhawanCast: Ali Zafar, Siddharth, Taapsee Pannu and Divyendu SharmaAnupam Kher, Juhi Chawla

Posted By: Kushal Mishra