Movie review दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर देगी समलैंगिक संबंधों पर बनी फिल्म 'अलीगढ़'
रिक्शा चालक संग
इस फिल्म में अभिनेता मनोज बाजपेई को एक समलैगिंक संबंध बनाने वाले प्रोफेसर की भूमिका में दिखाया गया है। इस फिल्म के साथ समाज में समलैंगितता को लेकर अक्सर कई मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे में ये फिल्म एक दर्पण की तरह साबित होगी। इस फिल्म को देखकर लोगों को इस दायरे में सिमटे लोगों की मानसिकता को समझने का प्रयास होगा। इस फिल्म में डॉ. श्रीनिवास रामचंद्र सिरस (मनोज बाजपेयी) उत्तर प्रदेश स्िथत अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पढ़ाते हैं। इस दौरान अचानक से एक टीवी टीवी चैनल के स्िटंग ऑपरेशन में यह बात सामने आती है कि वह होमोसेक्सुअल हैं। एक रिक्शा चालक संग वह आलिंगन करते नजर आते हैं।
Aligarh
U/A; Drama
Director: Hansal Mehta
Cast: Manoj Bajpayee, Rajkummar Rao
काफी संघर्ष झेलते
इस तरह की बातें व वीडियो सामने आने के बाद प्रोफेसर को बर्खास्त कर दिया जाता है। प्रोफेसर सिरस कॉलेज के फैसले को अदालत में चुनौती दे देते हैं। वह इस दौरान अपना अधिकार पाने के लिए काफी संघर्ष भी झेलते हैं। इस फिल्म का सबसे बड़ा क्रेडिट हंसल मेहता को जाता है। वहीं लेखक अपूर्वी ने भी काफी शानदार तरीके से इसे पेश किया। इस दौरान अभिनेता राजकुमार राव ने इस फिल्म में काफी बेहतर रोल प्ले किया। वह इसमें एक जर्नलिस्ट की भूमिका में हैं। जो इस प्रोफेसर के मामले में अहम भूमिका प्ले कर रहा होता है। इससे प्रोफेसर को काफी सपोर्ट भी मिलता है। इसके अलावा फिल्म में दो कलाकारों को काफी अच्छे हिसाब से पेश किया गया।
इमोशंस ने दूर नहीं
निर्देशक हंसल मेहता ने अपनी इससे पहले अपनी बाकी फिल्मों की तरह ही इसे कहानी और इमोशंस ने दूर नहीं किया। जीवन की सच्चाई को बयां करने की कला काफी अच्छे से उनकी कहानी में दिखती है। हालांकि इतना कुछ होने के बाद स्क्रिप्ट राइटर और हंसल मेहता ने एक बड़ी फॉल्ट कर दी है। उन्होंने फिल्म में प्रोफेसर के होमोसेक्सुअल रिलेशन को लव का नाम दिया। फिल्म को लेकर काफी मेहनत की गई है। यह बात फिल्म की कहानी, सीन आदि से साफ तौर पर झलक रही है। इसके साथ ही दर्शकों को भी यह काफी प्रभावित करने वाली है।
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