Movie preview: कामयाबी की दास्तान के बीच भूला बिसरा याद दिलाती है Star Wars: The Force Awakens
वर्तमान राजनीति को नजरअंदाज करती है फिल्म
आज वैश्विक स्तर पर राजनीति कई स्तर पर करवट ले रही है। फिल्म के सारे प्रीक्वल अपने समय की राजनीति को महसूस करते हुए चलते रहे हैं। लेकिन अगर विदेशों से मिल रही फिल्म की जानकारी को मानें तो कुछ हल्के फुल्के हास्य दृश्यों को छोड़ कर मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य को फिल्म में पूरी तरह नजर अंदाज कर दिया गया है।
उलझे हुए हैं चरित्र
पिछले संस्करणों से जोड़ने और नए चरित्रों का प्रस्तुत करने के प्रयास में कहीं कहीं सारे चरित्र काफी उलझे हुए नजर आते हैं हालाकि जो पुराने स्थापित चरित्र र्हैं वो अपना पूरा असर छोड़ते हैं। पर जो नहीं हैं उनकी कमी खटकती है। ये शायद बाकी संस्करणों और सातवें अंक के रिलीज के बीच आये इतने लंबे अंतराल की वजह से भी हो सकता है।
कुछ बदलाव छूट गए हैं
कुछ भी नहीं प्रीक्वल ट्रायलॉजी से हट सातवें अंक कुछ चीजें बिना बदले भी शामिल हो गयी हैं। जैसे पहले भी सीजीआई की बहुतायत थी और अब भी कुछ भी सुधार नहीं किया गया है। व्यावहारिक प्रभाव के रूप में जिस तरह से कंप्यूटर ग्राफिक्स द्वारा प्रस्तुत की गयी हैं उसी तरह सिंथ द्वारा प्रतिस्थापित ध्वनिक गिटार जैसी चीजों को बदला जा सकता था पर उन्हें एक बीते युग के पुरातन अवशेष की तरह पड़ा रहने दिया गया है।
कुछ करेक्टर याद आते हैं
हालाकि फिल्म में तकनीकी रूप से समृद्ध बीबी 8 रोबोट शानदार है पर पुराने संस्करण देख चुके लोगों को पुराना आर 2 डी 2 मिस्टर बिंक्स का मासूम रोबोट याद आता है। वैसे अगर हॉन सोलो का युवा बेटा फिल्म में शामिल हो सकता है तो जार जार के नाम से फेमस उस रोबोट का तकनीकी पुत्र क्यों नहीं हो सकता था।
इन चीजों को परखने के लिए देखें फिल्म
ये तो फिल्म के भारत में रिलीज से पहले हमारा एक नजरिया है पर इस वजह से फिल्म को देखा ना जाए ये सोचना बिलकुल गलत है। स्टार वार्स फोर्स अवेकन एक तकनीकी रुप से बेहद समृद्ध फिल्म तो है ही कहानी कितनी सशक्त ळै ये भी विदेश में मिली इसकी अपार सफलता से साबित हो जाता है। तो बीते दिनों को याद करने के लिए ही सही फिल्म को एक बार देखना तो बनता है।