जेल या नर्क! इन जेलों में आकर मौत की दुआ मांगने लगते हैं कैदी
ब्राजील के साओ पाउलो में 1920 में कारान्दिरू जेल की स्थापना हुई तो इसे एक आर्दश जेल बनाने का विचार था। ये दक्षिण अमेरिका की सबसे बड़ी जेलों में से एक थी जिसमें 8000 कैदी रह सकते थे। 1992 इस जेल दिल दहला देने वाला नरसंहार हुआ जिसे अंजाम दिया यहीं के सुरक्षा गार्डों ने। ये कारान्दिरू नरसंहार के नाम से प्रसिद्ध है। आंकड़ों की मानें तो इस हादसे में तकरीबन 1300 मौतें हुईं। इसके बाद ही मानवाधिकार संस्थाओं के दखल देने के बाद 2002 में इस जेल को बंद कर दिया गया। बंद होने के बाद भी आज तक ये दुनिया की सबसे खराब जेलों की सूची में टॉप पर है।
कैम्प 22 नॉर्थ कोरिया
इस सूची में दूसरा नाम है उत्तरी कोरिया के कैम्प 22 जेल का। राजनीतिक बंदियों के लिए इस जेल को 1965 में बनाया गया था। इस विशाल जेल में 50000 कैदियों को रखने की व्यवस्था है। एक दृष्टि से आप इसे कैदियों का गांव कह सकते हैं। यहां अपराधियों को सजा देने का बिलकुल नया तरीका सोचा गया और अपराधी की तीन पीढ़ियों को जेल में बंद कर दिया जाता है। इससे एक परिवार एक तरह से पूरी तरह अपनी जड़ों से खत्म हो जाता है। कैदियों को टार्चर करने का दूसरा तरीका ये ळै कि उन्हें जैवकीय प्रयोग के लिए इस्तेमाल किया जाता है। उन पर विभिन्न प्रकार के जैविक हथियारों के प्रयोग किये जाते हैं।
अमेरिका की टेक्सास स्टेट पेनिटेन्शरी जेल को दूसरी दुनिया में जाने का रास्ता कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस जेल में आने के बाद कैदी जिंदा वापस नहीं निकलते। अब इसके पीछे टार्चर की कौन सी कहानी है ये तो स्पष्ट नहीं है किंतु ये जरूर है कि ज्यादा से ज्यादा हार्ड कोर अपराधियों को इसी जेल में भेजने की सिफारिश की जाती है।
एमेनेस्टी इंटर नेशनल ने इस जेल को सबसे दमनकारी जेल का तमगा दिया है। सीरिया की जेल भले ही दूसरी दुनिया में भेजने का पासर्पोट ना देती हो लेकिन ये तय है कि यहां टार्चर करने का हर भयानक से भयानक तरीका इस्तेमाल किया जाता है। बताते हें कि एक बार 1980 में राष्ट्रपति हाफिज अल असद के आदेश पर यहां करीब 2400 कैदियों की हत्या कर दी गयी थी।
सउदी अरब की अल हायर जेल को सख्त से सख्त कैदी को तोड़ देने वाली क्रूरतम जेल माना जाता है। यहां पर कैदियों को बूरी तरह यातना दी जाती है और विरोध करने वाले को मार दिया जाता है। ये यातना किस कदर भयानक होती है इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हत्या के खतरे के बावजूद कैदी लगातार इसका विरोध करते रहे हैं। एक बार इन्हीं यंत्रणाओं से तंग आकर 2002 में एक कैदी ने जेल में आग लगा दी थी, जिसमें 140 कैदी और 40 गार्ड की मौत हो गयी थी।
वेनेजुएला की ला साबानेटा जेल भी क्रूरतम जेलों में गिनी जाती है। यहां कैदियों को दंड देने का अनोखा तरीका ईजाद किया गया है। इसके तहत उन्हें जेल में ला कर उनकी पूरी तरह उपेक्षा कर दी जाती हैं। ना पर्याप्त दवायें, ना पूरा खाना और ना ही कपड़े। गंदगी की आलम ये है कि हैजे से करीब 700 मौतें हो चुकी हैं। 1994 में करीब 100 कैदियों की नृशंस हतया कर दी गयी। हिंसा सुरक्षा गार्डों का ही नहीं स्वंय कैदियों का भी हथियार है और आपस में झगड़ा होने पर वे एक दूसरे पर हाथ में आने वाली किसी भी चीज से हमला कर देते हैं।Weird News inextlive from Odd News Desk
बेंगवेंग जेल, थाइलैंड
कहना मुश्किल है कि थाइलैंड के बेंगवेंग जेल में इस्तेमाल होने वाला टार्चर का कौन सा तरीका ज्यादा भयानक है। बताते हैं यहां मानसिक रूप पर इस कदर दवाब डाला जाता है कि कैदी पागल हो जाते हैं। इस जेल को जेल बैंकॉक हिल्टन के नाम से भी जाना जाता है। शुरू के तीन महीनों में यहां कैदियों को पैरों में लोहे की बेड़ियां डाल कर रखा जाता है। मृत्यु दंड ना मिलने की स्थिति में इन कैदियों को स्थायी रूप से लोहे की बेड़यों में जकड़ कर रखा जाता है।
फ्रांस की ये जेल विश्व की किसी भी विकसित राष्ट्र की सबसे खतरनाक जेल है। यहां दी जाने वाली यातनाओं से परेशान होकर कैदी आत्महत्या तक कर लेते हैं। सिर्फ 1999 में ही जेल में करीब 124 कैदियों ने आत्महत्या कर ली थ्ज्ञी। उनके सुसाइड करने के तरीके भी काफी भयानक हैं। कहते हैं कि यहां के कैदी कांटे, रैट प्वाइजन और ड्रेन क्लीनर से आत्महत्या कर लेते हैं। इस जेल में चूहों का बेहद आतंक है और कैदी उन्हें शैतान के नाम से बुलाते हैं, कई मौतें उन्हीं के काटने से होती हैं।
तुर्की की ये जेल सबसे ज्यादा मानवाधिकारों का हनन करने वाली जेल के तौर पर प्रसिद्ध है। या कैदियों का मानसिक, शारीरिक और यौन शोषण तो किया ही जाता है। सबसे महत्वपूर्ण है कि यहां बाल अपराधियों को भी सामान्य कैदियों के साथ रखा जाता है और उन्हें भी यही सब कुछ झेलना पड़ता है।
अफ्रीकी देश रवाडा की गीतारामा सेंट्रल जेल में त्याचार का सबसे बड़ा तरीकार है जेल में क्षमता से कई गुना ज्यादा कैदियों को ठूंस देना। इस जेल की क्षमता महज 400 कैदियों की है और यहां पर करीब 6000 कैदी रह रहे हैं। ऐसे में कैदियों की भारी तादात में मौत होती है, पर वो उनके गार्ड या जेल अधिकारियों के टार्चर से नहीं बल्की साथी कैदियों की मारपीट से होती हैं। सबसे भयानक बात ये है कि हत्या करने के बाद साथी कैदी अपने ही साथी के मांस को खा लेते हैं क्योंकि खाने का भी इस जेल में बेहद आभाव है।